नई दिल्ली / लोकसभा चुनाव के अंतिम नतीजे घोषित भाजपा को 303, कांग्रेस को 52 सीटें मिली

Dainik Bhaskar : May 24, 2019, 04:57 PM
नई दिल्ली. 17वीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने 303 सीटें हासिल कर अकेले ही बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया। एनडीए को 352 सीटें मिलीं। कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं। यूपीए इस बार 96 सीटों तक पहुंची।

कांग्रेस की सहयोगी द्रमुक तीसरे नंबर पर रही। 2014 में खाता न खोल पाने वाली द्रमुक ने इस बार 23 सीटों पर जीत हासिल की। उप्र में बसपा भी 10 सीट जीतने में कामयाब हुई। मायावती की पार्टी को 2014 में एक भी सीट नहीं मिली थी।

इन पार्टियों को भी मिला फायदा

भाजपा 2014 में 282 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। एनडीए 336 सीट पर जीती थी। भाजपा पिछली बार की तुलना में 21 ज्यादा सीटें जीतीं। 2014 में 9 सीटें जीतने वाली वाईएसआर कांग्रेस को इस बार 22 सीटें मिलीं। भाजपा की सहयोगी जदयू ने बिहार में 17 सीटें जीतीं। पिछली बार जदयू एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी थी और 2 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। 

अन्नाद्रमुक, तृणमूल, तेदेपा और बीजद को नुकसान

इस चुनाव में एनडीए ने भले ही अच्छा प्रदर्शन किया हो लेकिन तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक को भारी नुकसान हुआ। अन्नाद्रमुक इस बार सिर्फ 1 सीट जीत पाई। 2014 में अन्नाद्रमुक ने अलग चुनाव लड़ा था और 37 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा आंध्र में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेदेपा को भी नुकसान उठाना पड़ा। 2014 में तेदेपा 16 सीटें जीती थीं, इस बार सिर्फ 3 पर ही संतोष करना पड़ा।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पार्टी तृणमूल कांग्रेस को इस बार नुकसान उठाना पड़ा। 2014 में बंगाल की 42 सीटों में 34 जीतने वाली तृणमूल इस बार 22 सीटें ही जीत पाई। उधर, ओडिशा में भी बीजद की सीटें कम हुईं। 2014 में मोदी लहर के बावजूद 20 सीटें जीतने वाली बीजद इस बार 12 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई। उधर, कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी एक भी सीट नहीं जीत पाई। पिछले चुनाव में पीडीपी ने 6 में से 3 सीट पर जीत हासिल की थी।

खाता नहीं खोल पाई राजद, सपा 5 सीटों पर बरकरार

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद इस बार खाता भी नहीं खोल पाई। पिछले चुनाव में राजद को 4 सीटों पर जीत मिली थी। उधर, उत्तरप्रदेश में सपा अपनी 5 सीटें बरकरार ही रख सकी। हालांकि, यादव परिवार के 2 ही सदस्य अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव जीत हासिल कर पाए। जबकि परिवार के तीन सदस्य चुनाव हार गए।

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