Zoom News : Apr 02, 2021, 08:01 PM
मुंबई: क्रिकेट के इतिहास में 2 अप्रैल का दिन सुनहरे अक्षरों के रुप में दर्ज है क्योंकि इसी दिन भारतीय क्रिकेट में पड़ा 28 साल का ‘सूखा’ खत्म हुआ था। साल 2011 में 2 अप्रैल को ही भारत ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार क्रिकेट वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। इस दौरान भारतीय कप्तान एमएस धोनी के उस छक्के को भला कौन भूल सकता है जिसकी यादें आज भी करोड़ों भारतीयों के जेहन में ताजा हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को ही ये बात पता होगी कि इस वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में एक ऐसी घटना घटी थी जो क्रिकेट में बहुत ही कम देखने को मिलती है।आपको बता दें कि 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में एक नहीं बल्कि दो बार टॉस किया गया था। दरअसल, भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल के दौरान मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा था। इस मुकाबले से पहले जब दोनों टीमों के कप्तान टॉस के लिए मैदान में मौजूद थे तब दर्शकों का शोर काफी ज्यादा था, जिस वजह से मैच रेफरी जैफ क्रो श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगाकारा की आवाज नहीं सुन पाए थे।इसके बाद मैच रेफरी जेफ क्रो ने दोबारा टॉस कराने का फैसला किया जो संगाकारा के पक्ष में गया। श्रीलंकाई कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।बता दें कि वॉनखेड़े स्टेडियम में टॉस बेहद अहम माना जाता है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम का मैदान हमेशा पहले खेलने वाली टीम का साथ देता रहा है। बाद में खेलने वाली टीम के लिए जीतना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए यह पहले से तय माना जा रहा था कि जो टीम टॉस जीतेगी, वह पहले बैटिंग चुनेगी।गौरतलब है कि श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए। श्रीलंका की तरफ से महेला जयवर्धने ने शतक जमाते हुए 103 रन की पारी खेली, तो कुमार संगकारा ने 48 रन बनाए। भारत की तरफ से ज़हीर खान और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट लिए थे तो हरभजन सिंह ने भी एक बल्लेबाज़ को आउट किया था। 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही। वीरेंद्र सहवाग दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले मलिंगा की गेंद पर एलबीडब्लू आउट हो गए। सचिन भी 18 रन बनाकर मलिंगा की गेंद पर संगकारा को कैच दे बैठे। इसके बाद गौतम ने पारी को संभालते हुए और 97 रन की पारी खेली। आखिर में कप्तान धोनी ने नाबाद 91 रन का पारी खेलते हुए टीम इंडिया की झोली में 28 साल बाद वर्ल्ड कप डाल दिया।