Political / ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में उमा भारती ने किया बड़ा खुलासा, जानिए क्या है राज़

News18 : Jul 24, 2020, 07:41 AM
भोपाल। कांग्रेस (congress) से दल बदल कर बीजेपी (bjp) में शामिल हुए और फिर राज्यसभा सांसद बने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (uma bharti) ने एक दिलचस्प बात बतायी। ये बात बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता तो जानते थे लेकिन आम जनता और बीजेपी के कार्यकर्ताओं से यह अब तक छुपा हुआ था। गुरुवार को न्यूज़ 18 को दिए एक खास इंटरव्यू में उमा भारती ने यह खुलासा किया कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में रहने के दौरान उनके खिलाफ कभी प्रचार नहीं किया। यह बात उन्होंने अपनी पार्टी से भी साफ कह रखी थी। उमा का तर्ज ये है कि जब वसुंधरा और यशोधरा राजे ज्योतिरादित्य की बुआ हैं और वह उनके खिलाफ प्रचार नहीं करती तो मैं भी ज्योतिरादित्य की बुआ हुई। लिहाजा मैं भी ज्योतिरादित्य के खिलाफ कभी चुनाव प्रचार नहीं करूंगी।


ज्योतिरादित्य को लेकर नरम

उमा भारती ने यह भी कहा है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया का बीजेपी और जनसंघ से जो नाता था उसे देखकर तो यह लगता था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में ही होना चाहिए था। लेकिन किसी कारण से वह कांग्रेस में थे तो यह उनकी मर्जी थी। लेकिन अब जबकि वह बीजेपी में आ गए हैं तो फिर इससे बेहतर और कुछ नहीं है। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बेहद सरल और सौम्य स्वभाव का बताया।  हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया जब भोपाल आए थे तो उन्होंने भोपाल में श्यामला हिल्स स्थित उमा भारती के बंगले पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। उमा ने भी मंत्रोच्चार के साथ उनका स्वागत किया था और आशीर्वाद दिया था।

सियासत और सिंधिया खानदान

सिंधिया खानदान में राजनीति के दो ध्रुव हमेशा से रहे हैं। राजमाता विजय राजे सिंधिया जनसंघ में थीं तो माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस में रहना पसंद किया। उसके बाद माधवराव सिंधिया की दोनों बहनें यशोधरा और वसुंधरा बीजेपी में रहीं लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहे। अलग-अलग पार्टियों में रहने के बावजूद दोनों ने कभी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव में प्रचार नहीं किया। न ही सार्वजनिक रूप से कभी कोई टीका-टिप्पणी या की। परिवार में कभी खटास देखने को भी नहीं मिली। यशोधरा और वसुंधरा ने कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ प्रचार नहीं किया। लेकिन अब ज्योतिरादित्य के बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया खानदान में राजनीति का एक ही सेंटर हो गया है

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