नई दिल्ली: इस हिसाब से तो रफी जी को भजन नहीं गाना चाहिए था: बीएचयू में प्रदर्शन पर परेश

नई दिल्ली - इस हिसाब से तो रफी जी को भजन नहीं गाना चाहिए था: बीएचयू में प्रदर्शन पर परेश
| Updated on: 20-Nov-2019 04:37 PM IST
नई दिल्ली: एक्टर और बीजेपी के पूर्व सांसद परेश रावल (Paresh Rawal) ने एक ट्वीट करते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में संस्कृत फैकल्टी में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर छात्रों द्वारा किए जा रहे विरोध की निंदा की है. अपने ट्वीट में परेश रावल ने लिखा, ''मैं प्रोफेसर फिरोज खान कि नियुक्ति को लेकर हो रहे विरोध से स्‍तब्‍ध हूं. भाषा का धर्म से क्या लेना-देना है. यह तो विडंबना ही है कि प्रोफेसर फिरोज खान ने अपनी मास्टर और पीएचडी संस्कृत में की है. भगवान के लिए यह मूर्खता बंद की जानी चाहिए''.

आपको बता दें, विश्वविद्यालय में संस्कृत लिटरेचर के 30 छात्र पिछले 12 दिनों से बीएचयू के वाइस-चांस्लर राकेश भटनागर के ऑफिस के बाहर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने उनके ऑफिस के बाहर बैठ कर भजन गाए और यज्ञ भी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक वे अपना प्रदर्शन नहीं खत्म करेंगे. 

परेश रावल ने बीएचयू छात्रों के इस प्रदर्शन को लेकर एक अन्य ट्वीट में लिखा, ''इस लॉजिक के मुताबिक मोहम्मद रफी को भजन नहीं गाने चाहिए और नौशाद साबह को इन्हें कंपोज नहीं करना चाहिए''. 

इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि उन्होंने प्रोफेसर फिरोज खान को इसलिए नियुक्त किया क्योंकि वह इस पद के लिए उपयुक्त हैं और उनकी नियुक्ति के दौरान सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. 

विश्वविद्यालय ने पिछले हफ्ते में दो बार बयान जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि "धर्म से अलग बीएचयू सभी को समान शिक्षा और शिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है". प्रोफेसर फिरोज खान, नियुक्ति के बाद से ही यूनिवर्सिटी परिसर में दिखाई नहीं दिए हैं और वह किसी के भी फोन और मैसेज का जवाब नहीं दे रहे हैं. 

राजस्थान के रहने वाले हैं फिरोज खान

प्रोफेसर फिरोज खान मुख्य रूप से राजस्थान से हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनके पिता ने भी संस्कृत में अपनी पढ़ाई पूरी की थी और वह उनके घर के नजदीक के मंदिर में भजन गाते थे. 

इस बीच, विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि यूनिवर्सिटी विंग की फैकल्टी ने इस प्रदर्शन को भड़काने का काम किया है और उन्होंने यह सवाल उठाया है कि विश्वविद्यालय में कक्षाएं फिर से शुरू क्यों नहीं की जा रहीं? प्रोफेसर एमपी अहिरवार ने NDTV को बताया, ''विरोध करने वाले छात्रों में अधिकांश छात्र एबीवीपी,  हिंदू महासभा और हिंदू वाहिनी से जुड़े हुए हैं. मेरा मानना है कि इसमें फैक्लटी की अहम भूमिका है क्योंकि हाल ही मिले अपडेट के मुताबिक, छात्रावास में छात्राओं को प्रोफेसरों ने प्रोटेस्ट में बैठने के लिए कहा था''. 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।