BJP on OP Rajbhar: सपा का साथ छोड़ने के बाद ओपी राजभर अपने जाल में फंसे, क्यों बीजेपी नहीं दे रही भाव?

BJP on OP Rajbhar - सपा का साथ छोड़ने के बाद ओपी राजभर अपने जाल में फंसे, क्यों बीजेपी नहीं दे रही भाव?
| Updated on: 05-Mar-2023 06:49 PM IST
BJP on OP Rajbhar: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अपने ही बनाए जाल में फंस गए हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद जब राजभर सपा के साथ गठबंधन से बाहर हो गए, तो उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी खुले हाथों से उनका स्वागत करेगी. राजभर ने समाजवादी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ अपना अंतहीन बयान शुरू किया और अखिलेश यादव को ड्राइंग रूम राजनेता करार दे दिया. यहां तक कि जब उन्होंने सपा पर हमला तेज कर दिया, तब भी बीजेपी ने राजभर के प्रति नरमी का कोई संकेत नहीं दिखाया. राजभर ने यहां तक कहा कि मौर्य, पटेल, लोध, कोरी और निषाद सहित प्रमुख ओबीसी जातियां, और राजपूत और ब्राह्मणों सहित उच्च जातियां सभी भाजपा के साथ थीं और ये जातियां भविष्य के किसी भी चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन नहीं करेंगी.

राजभर ने की थी बजट की तारीफ

राजभर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब बीजेपी और सपा ओबीसी और दलित वोटों को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हैं. राजभर ने योगी आदित्यनाथ सरकार के पेश किए गए वार्षिक बजट की भी तारीफ की और इसे गरीब समर्थक करार दिया. बीजेपी ने अभी भी उनके प्रस्तावों का जवाब नहीं दिया है. बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, ओम प्रकाश राजभर एक अवसरवादी सहयोगी साबित हुए हैं. उनके बयान संयमित नहीं हैं. हम जानते हैं कि वह अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए यूपी विधान परिषद में सीट चाहते हैं, लेकिन बीजेपी इस तरह के किसी सौदे के लिए तैयार नहीं है. इसके अलावा एक अविश्वसनीय सहयोगी कौन चाहता है?

राजभर समुदाय को लुभाने में जुटी बीजेपी

इस बीच, उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर की अगुआई में बीजेपी राजभर समुदाय के अपने नेताओं को मजबूत कर रही है और विभिन्न जिलों में राजभरों के बीच पैठ बना रही है. यह महसूस करते हुए कि 2024 के आम चुनावों में ओम प्रकाश राजभर को ठंडे बस्ते में डाल दिया जा सकता है, एसबीएसपी के कई नेताओं ने बेहतर चरागाहों की तलाश शुरू कर दी है. एसबीएसपी के राष्ट्रीय सचिव रमाकांत कश्यप, प्रदेश उपाध्यक्ष सीपी निषाद और प्रदेश महासचिव विवेक शर्मा शनिवार को निषाद पार्टी में शामिल हो गए. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, एसबीएसपी प्रमुख ओपी राजभर पार्टी की विचारधारा से भटक गए हैं. एसबीएसपी नेताओं की कश्यप समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणियों से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने आगे कहा कि निषाद पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं.

बांटने की राजनीति कर रही SBSP

रमाकांत कश्यप ने कहा, एसबीएसपी विभाजनकारी राजनीति कर रही है. हम महर्षि कश्यप के वंशज हैं, जो वैदिक युग के संत थे. हम उन लोगों का समर्थन नहीं कर सकते जो हमारे पूर्वजों का अपमान करते हैं. नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से बात करने वाले एसबीएसपी के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने कहा, एसबीएसपी अब एक नाम मात्र की पार्टी रह गई है. ओम प्रकाश राजभर की दिलचस्पी पार्टी को आगे ले जाने से ज्यादा अपने परिवार को राजनीति में आगे बढ़ाने में है. पार्टी ने ओबीसी का गुस्सा इसलिए हासिल किया क्योंकि उसने रामचरितमानस के मुद्दे पर सपा का समर्थन नहीं किया. हम जल्द ही दूसरी पार्टियों में भी बेहतर मौकों का विकल्प चुनेंगे. इस बीच, ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया कि कुछ पार्टियां एसबीएसपी को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, यह काम नहीं करेगा और एसबीएसपी लोकसभा चुनाव में और मजबूत होकर उभरेगी.

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।