PFI Ban: NIA छापेमारी के बाद PFI पर लगा 5 साल का बैन गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश

PFI Ban - NIA छापेमारी के बाद PFI पर लगा 5 साल का बैन गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश
| Updated on: 28-Sep-2022 07:58 AM IST
PFI Ban: गृह मंत्रालय की तरफ से एक बड़ी खबर सामने आई है. जिसमें बताया गया है कि विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंड ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगा दिया गया है. इस संगठन के खिलाफ देशभर में पिछले कई दिनों से छापेमारी चल रही थी, जिसके बाद ये बड़ी कार्रवाई की गई है. पीएफआई को गैर कानूनी संगठन घोषित करते हुए अगले पांच साल के लिए बैन लगाया गया है. साथ ही इससे जुड़े तमाम दूसरे संगठनों पर भी ये प्रतिबंध लागू होगा. इससे पहले एनआईए की तरफ से देशभर के तमाम राज्यों में इस संगठन के खिलाफ छापेमारी की गई थी, इस छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत एजेंसियों के हाथ लगे. जिसमें टेरर लिंक के आरोप भी शामिल हैं. 

रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, एंपावर फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन और केरल समेत पीएफआई के सहयोगी संगठन और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है. 

चलाया गया ऑपरेशन ऑक्टोपस

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ देशभर में जो कार्रवाई शुरू हुई, उसे ऑपरेशन ऑक्टोपस का नाम दिया गया. इसके तहत पहले देश के कुछ राज्यों में छापेमारी हुई, लेकिन इसके बाद अचानक 15 राज्यों में एक साथ रेड डाली गई. इस दौरान तमाम पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. ऑपरेशन के दूसरे राउंड के तहत 27 सितंबर को देश के 8 राज्यों में एजेंसियों के इनपुट पर ATS और स्टेट पुलिस ने PFI के कई ठिकानों पर रेड मारी.  

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, महाराष्ट्र ,गुजरात, कर्नाटक और असम में सुरक्षा एजेंसियों की महा रेड में PFI के 170 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. असम और महाराष्ट्र में 25, यूपी में 57, दिल्ली में 30, एमपी में 21, गुजरात में 10 और कर्नाटक में 80 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया गया. इस दौरान काफी अहम सबूत हाथ लगे. 

गृह मंत्रालय की थी नजर

पीएफआई के खिलाफ एक्शन के बाद से ही गृह मंत्रालय लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुआ था. गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इस छापेमारी को लेकर एक बैठक भी बुलाई गई थी. इस बैठक में एनआईए डीजी और एनएसए अजित डोभाल समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि इसके बाद से ही पीएफआई पर बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. PFI के कैडर, फंडिंग और नेटवर्क से जुड़ी रिपोर्ट देखने के बाद गृह मंत्रालय ने आखिरकार पीएफआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया. 

PFI के खिलाफ गंभीर आरोप

विवादित संगठन पीएफआई का नाम तमाम तरह की हिंसा और दंगों से जुड़ता रहा है. 27 सितंबर की छापेमारी में जांच एजेंसियों को ऐसे कई सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि PFI की तैयारी हिंदुस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की थी. हवाला से हासिल की गई रकम का इस्तेमाल PFI देश में दंगे कराने के लिए करने वाली थी. इसके बाद से तमाम राज्यों में सख्ती से जांच की जा रही है. अब बैन लगाए जाने के बाद पीएफआई नेताओं के खिलाफ जोरदार कार्रवाई हो सकती है. 

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