Donald Trump News: अमेरिका में महंगाई से राहत: ट्रंप ने कई फूड आइटम्स पर टैरिफ घटाए, आम लोगों को मिलेगी बड़ी छूट
Donald Trump News - अमेरिका में महंगाई से राहत: ट्रंप ने कई फूड आइटम्स पर टैरिफ घटाए, आम लोगों को मिलेगी बड़ी छूट
अमेरिका में आसमान छूती महंगाई ने आम लोगों की जेब पर जबरदस्त बोझ डाल दिया है और किराने की दुकानों पर बढ़ती कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं का गुस्सा अब खुलकर सामने आने लगा है। इसी दबाव के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बड़ा यू-टर्न लेते हुए कई रोजमर्रा की चीजों पर लगे टैरिफ में कटौती की घोषणा कर दी और यह कदम अमेरिकी परिवारों के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है, जो लगातार बढ़ती कीमतों से त्रस्त थे। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला राजनीतिक रूप से भी काफी अहम माना जा रहा है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए।
टैरिफ में कटौती और तत्काल प्रभाव
ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को घोषणा की कि टमाटर, केला समेत दर्जनों फूड प्रोडक्ट्स पर लगाए गए भारी इंपोर्ट ड्यूटी को वापस लिया जा रहा है। यह नई छूट गुरुवार आधी रात से ही प्रभावी हो गई है, यानी यह फैसला रेट्रोस्पेक्टिव रूप से लागू होगा। इस घोषणा का सीधा असर उन आयातित खाद्य पदार्थों पर पड़ेगा जिनकी कीमतें टैरिफ के कारण बढ़ गई थीं। उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि अब ये आवश्यक वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी, जिससे उनके मासिक बजट पर पड़ने वाला दबाव कुछ कम होगा और यह कदम उन दावों के विपरीत है जो ट्रंप ने पहले किए थे कि उनके टैरिफ महंगाई नहीं बढ़ा रहे हैं।बढ़ती कीमतों का बोझ
अमेरिका में कॉफी, टमाटर और केले जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम तेजी से बढ़े हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तक ग्राउंड बीफ की कीमतें 13% और स्टेक की कीमतें 17% तक बढ़ चुकी थीं, जो तीन साल में सबसे ज्यादा उछाल है। वहीं, केला 7% महंगा हुआ और टमाटर की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी देखी गई। कुल मिलाकर, घर पर खाए जाने वाले चीजों की कीमतें 2 और 7% बढ़ चुकी हैं। इन आंकड़ों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि महंगाई एक गंभीर समस्या बन चुकी है और इसे तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है। उपभोक्ताओं को हर खरीदारी पर अधिक खर्च करना पड़ रहा था, जिससे उनकी क्रय शक्ति प्रभावित हो रही थी।चुनावी दबाव और राजनीतिक निहितार्थ
इन बढ़ती कीमतों की वजह से ट्रंप सरकार पर चुनावों का दबाव भी बढ़ने लगा था। वर्जीनिया, न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क में हुए हालिया स्थानीय चुनावों में डेमोक्रेट्स की जीत। और लोगों की बढ़ती नाराजगी ने महंगाई को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया था। मतदाताओं का गुस्सा सीधे तौर पर सरकार की आर्थिक नीतियों पर दिख रहा था। इसी वजह से माना जा रहा है कि ट्रंप ने आम लोगों को राहत देने के लिए कई फूड आइटम्स पर टैरिफ कम करने का फैसला लिया है। यह कदम मतदाताओं को शांत करने और आगामी चुनावों में अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।नए व्यापार समझौते की दिशा में कदम
टैरिफ रद्द किए जाने के साथ ही अमेरिका ने अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और एल साल्वाडोर के साथ ट्रेड डील की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। अंतिम मंजूरी मिलने के बाद इन देशों से आने वाले कई फूड प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट टैक्स पूरी तरह हटा दिया जाएगा। यह कदम न केवल इन देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि अमेरिकी बाजार। में इन देशों से आने वाले उत्पादों की उपलब्धता और कीमतों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। यह व्यापार समझौतों के माध्यम से महंगाई को नियंत्रित करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा हो सकता है।विपक्षी दलों की आलोचना
हालांकि, ट्रंप के इस फैसले पर विपक्षी डेमोक्रेट नेता रिचर्ड नील ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन वही आग बुझा रहा है, जिसे उसने खुद लगाया था। उनका दावा है कि टैरिफ की वजह से ही महंगाई बढ़ी और मैन्युफैक्चरिंग लगातार नीचे जा रही है और नील का तर्क है कि यह फैसला केवल एक प्रतिक्रिया है, न कि एक सुविचारित नीति। विपक्षी दल इस बात पर जोर दे रहे हैं कि टैरिफ लगाने का मूल निर्णय ही। गलत था और अब उन्हें वापस लेना केवल एक मजबूरी है, न कि कोई दूरदर्शी आर्थिक रणनीति। यह आलोचना इस बात को उजागर करती है कि आर्थिक नीतियों पर राजनीतिक मतभेद कितने गहरे हैं।