Bihar Elections 2025: अमित शाह का RJD पर तीखा हमला: "अगर लालू के बेटे CM बने तो अपहरण, रंगदारी, खून के तीन नए मंत्रालय खुलेंगे"
Bihar Elections 2025 - अमित शाह का RJD पर तीखा हमला: "अगर लालू के बेटे CM बने तो अपहरण, रंगदारी, खून के तीन नए मंत्रालय खुलेंगे"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच मुजफ्फरपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और उसके सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला। शाह ने अपने संबोधन में लालू यादव के शासनकाल को 'जंगलराज' करार दिया और मतदाताओं से बिहार को इस कथित 'जंगलराज' से बचाने के लिए मतदान करने की भावुक अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का मुख्य। चुनावी मुद्दा बिहार में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना और 'जंगलराज' की वापसी को रोकना है।
'जंगलराज' की वापसी का खतरा
अमित शाह ने अपने भाषण में बिहार के मतदाताओं को लालू प्रसाद। यादव के पूर्ववर्ती शासनकाल की याद दिलाई, जिसे वे 'जंगलराज' कहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि NDA सरकार ने बिहार को इस 'जंगलराज' से मुक्ति दिलाई है और अब यह सुनिश्चित करना जनता की जिम्मेदारी है कि वह स्थिति दोबारा न लौटे। शाह ने कहा, "हमने जंगलराज से आजादी दिलाई। बिहार को जंगलराज से बचाने के लिए वोट करें और बिहार में जंगलराज को वापस आने नहीं देना है। " यह बयान बिहार की राजनीतिक पृष्ठभूमि में कानून-व्यवस्था के मुद्दे की संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो अक्सर चुनावी बहसों का केंद्र बिंदु रहा है।'तीन नए मंत्रालय' का कटाक्ष
केंद्रीय गृह मंत्री ने लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर कटाक्ष करते हुए एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, "अगर लालू के बेटे सीएम बनते हैं, बिहार में तीन नए मंत्रालय खुलेंगे। एक बनेगा अपहरण को चलाने वाला मंत्री और दूसरा बनेगा रंगदारी का मंत्री। तीसरा अपहरण और खून को बढ़ावा देने वाला मंत्री। " यह बयान RJD पर सीधा हमला था, जिसमें पार्टी को अपराध और अराजकता से जोड़ने का प्रयास किया गया। शाह का यह बयान चुनावी माहौल में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करने वाला माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर RJD की शासन क्षमता और कानून-व्यवस्था के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।परिवारवाद पर निशाना
अमित शाह ने अपने संबोधन में केवल RJD को ही नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी परिवारवाद के मुद्दे पर घेरा और उन्होंने लालू यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों पर देश की चिंता न करके केवल अपने परिवार के सदस्यों को सत्ता में लाने का आरोप लगाया। शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "लालू जी और सोनिया जी को देश की चिंता नहीं है और लालू जी की इच्छा है उनका बेटा (तेजस्वी) CM बने और सोनिया जी चाहती हैं उनका बेटा (राहुल गांधी) PM बने। लेकिन न तेजस्वी CM बन सकते हैं न राहुल गांधी PM बन सकते हैं, क्योंकि सीट खाली नहीं है। " इस बयान के माध्यम से शाह ने विपक्षी दलों पर वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने और आम जनता के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा खुद को योग्यता-आधारित राजनीति के पैरोकार के रूप में प्रस्तुत करती है।चुनावी रणनीति और आगामी चरण
अमित शाह की मुजफ्फरपुर रैली ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा और NDA बिहार विधानसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था, 'जंगलराज' का डर और परिवारवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। यह रणनीति मतदाताओं को RJD के शासनकाल की नकारात्मक छवियों को याद दिलाने और NDA को एक स्थिर और सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रस्तुत करने पर केंद्रित है और बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होने जा रहे हैं, जिसके नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इन महत्वपूर्ण चरणों से पहले अमित शाह का यह आक्रामक प्रचार अभियान NDA के लिए माहौल बनाने का प्रयास है।मतदाताओं से अपील
शाह ने अपनी जनसभा में उपस्थित जनसमूह से बिहार के भविष्य के लिए सोच-समझकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सरकार बदलने का नहीं, बल्कि बिहार के विकास पथ को निर्धारित करने का है। उन्होंने मतदाताओं से आग्रह किया कि वे ऐसे किसी भी दल को सत्ता में न आने दें जो राज्य को फिर से 'जंगलराज' की ओर धकेल सकता है और यह अपील मतदाताओं को सुरक्षा और स्थिरता के वादे के साथ NDA के पक्ष में लामबंद करने का एक प्रयास था।