India-Pakistan News: भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब: धार्मिक कट्टरता पर ज्ञान न दे, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का लंबा इतिहास

India-Pakistan News - भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब: धार्मिक कट्टरता पर ज्ञान न दे, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का लंबा इतिहास
| Updated on: 26-Nov-2025 07:16 PM IST
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और धार्मिक कट्टरता पर ज्ञान देने का कोई अधिकार नहीं है। यह बयान पाकिस्तान के उस विरोध के जवाब में आया है, जिसमें उसने अयोध्या के राम मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ध्वजारोहण को 'मुस्लिम विरासत मिटाने की कोशिश' बताया था और भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान का अपना इतिहास अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से भरा पड़ा है और उसे किसी अन्य देश को नसीहत देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

भारत का पाकिस्तान को सीधा जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का एक लंबा और दुखद इतिहास रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे देश को, जो अपने ही अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहा है, भारत जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश को धार्मिक स्वतंत्रता या कट्टरता पर उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है और यह बयान भारत की आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को अस्वीकार करने की उसकी दृढ़ नीति को दर्शाता है।

राम मंदिर में ध्वजारोहण पर पाकिस्तान का विरोध

दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर अयोध्या के राम मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी के ध्वजारोहण पर आपत्ति जताई थी। पाकिस्तान ने इसे भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते दबाव और मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश का हिस्सा बताया। पाकिस्तान ने दावा किया कि जिस स्थान पर पहले बाबरी मस्जिद थी, वहां अब राम मंदिर बनाया गया है, और बाबरी मस्जिद कई सदियों पुरानी एक धार्मिक जगह थी जिसे 6 दिसंबर 1992 को भीड़ ने गिरा दिया था। पाकिस्तान ने इस घटना को भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का एक बड़ा उदाहरण बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने फहराया भगवा ध्वज

पाकिस्तान ने अपने बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफरत और मुसलमानों पर हमलों पर ध्यान दे। उसने संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगाया कि भारत की अदालतों ने बाबरी मस्जिद गिराने के आरोपियों को बरी कर दिया और उसी जमीन पर मंदिर निर्माण की इजाजत दे दी, जो अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शिखर पर 2 किलोग्राम की केसरिया ध्वजा फहराई। यह ध्वजारोहण सुबह 11:50 बजे अभिजीत मुहूर्त में 161 फीट ऊंचे शिखर पर किया गया। यह आयोजन राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक क्षण था, जिसे देश भर में उत्साह के साथ देखा गया और इस ध्वजारोहण ने मंदिर के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा दिया।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का लंबा इतिहास

भारत पर झूठे आरोप लगाने वाले पाकिस्तान में खुद अल्पसंख्यकों के साथ बड़े पैमाने पर हिंसा और भेदभाव का इतिहास रहा है। अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले और धमकियों की कई घटनाएं दर्ज की गईं, लेकिन वहां की सरकार ने दोषियों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। हाल ही में, 2023 में एक चर्च जलाने के आरोप में पकड़े गए 10 लोगों को अदालत ने बरी कर दिया। पाकिस्तान में अक्सर हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन शादी के मामले सामने। आते रहते हैं, खासकर सिंध और पंजाब प्रांतों में, जो वहां अल्पसंख्यकों की असुरक्षा को उजागर करता है।

मंदिर के उद्घाटन की भी की थी निंदा

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने राम मंदिर से जुड़े किसी आयोजन की निंदा की हो। करीब दो साल पहले 22 जनवरी 2024 को हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भी पाकिस्तान ने कड़ी निंदा की थी और तब पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि वे अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की निंदा करते हैं, क्योंकि यह मंदिर बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाया गया है। पाकिस्तान ने इसे भारतीय लोकतंत्र के माथे पर कलंक और भारत में बढ़ती 'हिंदुत्व' विचारधारा को धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा बताया था।

इजराइल ने दी भारत को बधाई

इस बीच, भारत में इजराइल के राजदूत रूवेन अजार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भारत को राम मंदिर के ध्वजारोहण की बधाई दी। उन्होंने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण पर भारत को बधाई। उन्होंने इसे सभ्यता के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षण बताया और इसके साथ ही उन्होंने पिछले साल मंदिर निर्माण के दौरान अपनी अयोध्या यात्रा की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जो इस आयोजन के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक हिस्से से सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाती हैं। यह घटनाक्रम भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक और कूटनीतिक तनाव को एक बार फिर उजागर करता है, जबकि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मना रहा है।

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