Bihar Election Results: चिराग पासवान फिर बने मोदी के हनुमान, NDA को प्रचंड बहुमत पर बोले-'नरेंद्र और नीतीश की जीत'
Bihar Election Results - चिराग पासवान फिर बने मोदी के हनुमान, NDA को प्रचंड बहुमत पर बोले-'नरेंद्र और नीतीश की जीत'
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रचंड बहुमत हासिल कर एक बार फिर राज्य की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है और इस ऐतिहासिक जीत के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साझा जीत बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जनादेश उन सभी आलोचकों के लिए एक करारा जवाब है जो एनडीए की एकजुटता और क्षमता पर सवाल उठाते थे। चिराग पासवान ने इस जीत को 'नरेंद्र और नीतीश की जीत' कहकर अपनी पार्टी की भूमिका और गठबंधन के प्रति अपनी निष्ठा को रेखांकित किया।
एनडीए की शानदार जीत और घटक दलों का प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम एनडीए के लिए बेहद उत्साहजनक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 90 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की है, जो गठबंधन में उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है। वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भी 80 से अधिक सीटें जीतकर अपनी प्रासंगिकता और जनाधार को बनाए रखा है। इस प्रचंड बहुमत को सुनिश्चित करने में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है, जिसने 20 से अधिक सीटों पर विजय प्राप्त की है। इन तीनों प्रमुख दलों के संयुक्त प्रदर्शन ने एनडीए को बिहार में एक मजबूत और स्थिर सरकार बनाने का अवसर प्रदान किया है। यह जीत न केवल संख्यात्मक रूप से बड़ी है, बल्कि यह बिहार की जनता के विकास और स्थिरता के प्रति विश्वास को भी दर्शाती है।चिराग पासवान का 'मोदी के हनुमान' का रूप
चिराग पासवान को अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हनुमान' के रूप में देखा जाता है, जो उनकी अटूट निष्ठा और समर्थन को दर्शाता है। इस चुनाव में भी उन्होंने अपनी पार्टी के माध्यम से एनडीए को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी पार्टी ने 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 65 प्रतिशत के प्रभावशाली स्ट्राइक रेट के साथ 20 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की। यह प्रदर्शन 2020 के विधानसभा चुनाव से काफी बेहतर है, जब उनकी पार्टी ने 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल एक सीट जीती थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी एलजेपी (रामविलास) ने सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिससे उनकी राजनीतिक ताकत और प्रभाव स्पष्ट होता है। चिराग पासवान का यह योगदान एनडीए की जीत को 'प्रचंड' बनाने में सहायक सिद्ध हुआ है।'नरेंद्र और नीतीश की जीत' का महत्व
एनडीए गठबंधन की जीत के बाद चिराग पासवान ने अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि यह जीत बिहार में 'डबल इंजन' सरकार को मजबूत करने का एक ऐसा क्षण है,। जहां अगले पांच साल तक दोनों नेता मिलकर बिहार को विकास की ओर ले जाने का काम करेंगे। यह बयान गठबंधन की एकजुटता और भविष्य की विकास योजनाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चिराग ने जोर देकर कहा कि यह उन लोगों को जवाब है जो एनडीए की कार्यप्रणाली और उसकी सफलता पर संदेह करते थे और यह बयान न केवल गठबंधन के भीतर सद्भाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन के बावजूद गठबंधन के बड़े नेताओं को सम्मान दिया है।चिराग पासवान का 'एक्स' पर संदेश
जीत के बाद चिराग पासवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों में NDA के सभी प्रत्याशियों को जीत को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और बिहार के मुख्यमंत्री। नीतीश कुमार जी के विश्वास और मेरे विजन 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' की जीत है। " उन्होंने आगे कहा, "बिहार की जनता ने एक बार फिर विकास, विश्वास और स्थिरता के पक्ष में जनादेश दिया है। एनडीए की यह प्रचंड जीत बिहार के हर उस नागरिक की जीत। है जिसने 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के संकल्प को अपना समर्थन दिया। मैं बिहार की जनता के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और यह जीत जनता के विश्वास, कार्यकर्ताओं की मेहनत और नेतृत्व की निष्ठा का परिणाम है। " यह संदेश उनकी दूरदर्शिता और बिहार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।एलजेपी (रामविलास) का बढ़ता प्रभाव
एलजेपी (रामविलास) का प्रदर्शन इस चुनाव में उल्लेखनीय रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में, जब चिराग पासवान ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था, उनकी पार्टी का वोट शेयर लगभग 6 प्रतिशत था, हालांकि वे केवल एक सीट जीत पाए थे। उस समय उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस बार, एनडीए के साथ गठबंधन में, उन्होंने 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 20 से अधिक सीटें जीतीं, जिससे उनका स्ट्राइक रेट 65 प्रतिशत तक पहुंच गया और यह दर्शाता है कि चिराग पासवान की रणनीति और 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' का उनका विजन मतदाताओं के बीच अपनी जगह बना रहा है। उनकी पार्टी का यह प्रदर्शन एनडीए की समग्र शक्ति में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है और बिहार की राजनीति में उनके बढ़ते कद को भी दर्शाता है। यह जीत न केवल चिराग पासवान के लिए व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एलजेपी (रामविलास) को बिहार की राजनीति में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करती है।भविष्य की राह और विकास का संकल्प
एनडीए को मिले इस प्रचंड बहुमत के साथ, बिहार में अगले पांच साल के लिए एक स्थिर सरकार का मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, 'डबल इंजन' सरकार बिहार के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है और चिराग पासवान ने भी इस विकास यात्रा में अपनी पार्टी के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। यह जनादेश बिहार की जनता की आकांक्षाओं और राज्य के समग्र विकास की उम्मीदों को दर्शाता है। एनडीए के घटक दलों के बीच यह तालमेल और एकजुटता बिहार को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।