Bihar Politics: बीजेपी का नीतीश सरकार में बढ़ा दबदबा, इन 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

Bihar Politics - बीजेपी का नीतीश सरकार में बढ़ा दबदबा, इन 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
| Updated on: 26-Feb-2025 06:17 PM IST

Bihar Politics: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इससे पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में बुधवार को नीतीश कुमार की कैबिनेट का विस्तार किया गया, जिसमें बीजेपी के सात विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। इस विस्तार के जरिए बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने का प्रयास किया है।

जातीय समीकरण को साधने की कोशिश

कैबिनेट विस्तार में शामिल किए गए सात विधायकों में विभिन्न जातियों का संतुलन स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस विस्तार में एक राजपूत, एक भूमिहार, एक केवट, एक कुर्मी, एक कुशवाहा, एक तेली और एक मारवाड़ी समुदाय के नेता को शामिल किया गया है। इनकी सूची इस प्रकार है:

मंत्री का नामजाति
राजू सिंह                            राजपूत
विजय मंडलकेवट
जीवेश मिश्राभूमिहार
सुनील कुमारकुशवाहा
कृष्ण कुमार मंटूकुर्मी
मोतीलाल प्रसादतेली
संजय सरावगीमारवाड़ी
इस जातीय समीकरण के जरिए बीजेपी ने आगामी चुनावों में विभिन्न समुदायों को साधने की रणनीति बनाई है।

क्षेत्रीय संतुलन पर भी ध्यान

जातीय संतुलन के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण का भी ध्यान रखा गया है।

  • दरभंगा जिले से दो मंत्री बनाए गए हैं - जीवेश मिश्रा और संजय सरावगी।

  • सारण जिले से कृष्ण कुमार मंटू को स्थान दिया गया है।

  • नालंदा से सुनील कुमार, मुजफ्फरपुर से राजू कुमार सिंह, सीतामढ़ी से मोतीलाल प्रसाद और अररिया से विजय मंडल को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।

  • इस विस्तार में तिरहुत प्रमंडल से दो, मिथिलांचल क्षेत्र से दो, और पूर्णिया, पटना तथा सारण प्रमंडल से एक-एक मंत्री को प्रतिनिधित्व दिया गया है।

बीजेपी की 50 सीटों की रणनीति

बीजेपी ने इस विस्तार के जरिए विधानसभा चुनाव की अपनी स्क्रिप्ट तैयार कर ली है। खासकर मिथिलांचल की 50 सीटों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहां से दो विधायकों को कैबिनेट में जगह दी गई है। इस रणनीति का असर चुनावी नतीजों पर कितना पड़ता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल, बीजेपी ने अपने जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को मजबूत करने की पूरी कोशिश की है।

नीतीश कुमार की सियासी चाल

नीतीश कुमार कोई भी राजनीतिक कदम सोच-समझकर उठाते हैं। बीजेपी के सात विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्होंने एनडीए के साथ अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट कर दिया है। पीएम मोदी के हालिया बिहार दौरे के दौरान उन्होंने नीतीश कुमार को "लाडला" कहा था, जिसके बाद कैबिनेट विस्तार को एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।

नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली को पलटी मारने वाली सियासत के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस बार उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे एनडीए के साथ मजबूती से खड़े हैं। यह कदम गठबंधन धर्म निभाने के साथ-साथ आगामी चुनावों में बीजेपी और जेडीयू के संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में एक संकेत माना जा सकता है।

निष्कर्ष

बिहार में चुनावी बिसात बिछ चुकी है, और कैबिनेट विस्तार के जरिए बीजेपी और जेडीयू ने अपनी रणनीति को स्पष्ट कर दिया है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधते हुए बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीतिक दांव चुनाव में कितना असर डालता है और जनता किसे अपना समर्थन देती है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।