Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में संख्या ज्यादा फिर कैसे हार गया कांग्रेस-AAP गठबंधन?

Mayor Election - चंडीगढ़ मेयर चुनाव में संख्या ज्यादा फिर कैसे हार गया कांग्रेस-AAP गठबंधन?
| Updated on: 30-Jan-2024 04:20 PM IST
Mayor Election: भारी हंगामे के बीच चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव आखिरकार संपन्न हो गया. मंगलवार को हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मनोज सोनकर ने जीत हासिल की. उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप कुमार को शिकस्त दी. ये चुनाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ लड़ीं. आम चुनावों से पहले बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच ये पहली लड़ाई थी. चुनाव में बीजेपी को 16, जबकि इंडिया गठबंधन को 12 वोट मिले. गठबंधन के पास 20 की संख्या थी, लेकिन उसे सिर्फ 12 वोट पड़े. उसके 8 वोट रद्द हो गए. नतीजों से गठबंधन के नेता नाराज हैं. दोनों पार्टियों के पार्षद धरने पर बैठ गए. गठबंधन ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव का बहिष्कार किया है. साथ ही उन्होंने हाई कोर्ट का रुख करने का फैसला किया है.

चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्यों में से बीजेपी के 14 पार्षद हैं, आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद हैं और कांग्रेस के सात पार्षद हैं, जबकि शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में चंडीगढ़ का सांसद भी वोट डालता है. बीजेपी की किरण खेर यहां की सांसद हैं. ऐसे में बीजेपी के कुल 15 वोट थे. 35 सदस्य और 1 सांसद का वोट मिलाकर कुल 36 वोट होते है. जीत का जादुई आंकड़ा 19 होता है. बीजेपी इस दूर थी. उसे 16 पार्षदों का साथ मिला. लेकिन इंडिया गठबंधन के पास 20 पार्षद थे. 8 वोट रद्द होने के बाद उसे 12 वोट मिले और इस तरह वो बीजेपी से पिछड़ गई.

चुनाव के नतीजों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है. यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं. ये बेहद चिंताजनक है.

किरण खेर ने डाला था पहला वोट

पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने सुबह दस बज कर करीब 40 मिनट पर महापौर पद के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू कराई. चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने सबसे पहले वोट डाला. उन्होंने सुबह 11 बज कर करीब 15 मिनट पर नगर निकाय भवन में मतदान किया.उनके पास चंडीगढ़ नगर निगम के पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार है.

बीजेपी पिछले आठ वर्षों से महापौर पद पर काबिज है. कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी ने महापौर पद के लिए प्रत्याशी खड़ा किया, जबकि कांग्रेस ने वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पदों के लिए अपने उम्मीद्वार चुनावी मैदान में उतारे.

बीजेपी ने महापौर पद के लिए मनोज सोनकर को मैदान में उतारा जबकि आप ने कुलदीप कुमार को उम्मीदवार बनाया. वरिष्ठ उपमहापौर पद के लिए बीजेपी के कुलजीत संधू का मुकाबला कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गाबी से था. उपमहापौर पद के लिए बीजेपी के राजिंदर शर्मा का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला देवी से था.

मतदान मूल रूप से 18 जनवरी को होना था, लेकिन पीठासीन अधिकारी के बीमार पड़ने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे छह फरवरी तक के लिए टाल दिया था.चुनाव टालने के प्रशासन के आदेश पर कांग्रेस और आप पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.

महापौर पद के लिए आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने चंडीगढ़ के उपायुक्त के चुनाव टालने के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी के अपने आदेश में चंडीगढ़ प्रशासन को 30 जनवरी को सुबह 10 बजे महापौर पद के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया था.

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