Waqf Amendment Bill: हर अच्छे काम का विरोध होता है- CM योगी का वक्फ अमेंडमेंट बिल पर हो रहे विरोध को लेकर बयान

Waqf Amendment Bill - हर अच्छे काम का विरोध होता है- CM योगी का वक्फ अमेंडमेंट बिल पर हो रहे विरोध को लेकर बयान
| Updated on: 01-Apr-2025 09:57 AM IST
Waqf Amendment Bill: केंद्र सरकार 2 अप्रैल को संसद के पटल पर वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पेश कर सकती है। सरकार इसे पहले लोकसभा सत्र में पेश करने की तैयारी कर रही है, जो 4 अप्रैल तक चलेगा। इस विधेयक को लेकर देश में विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

मुस्लिम समुदाय का विरोध

ईद के दिन देश के लाखों मुस्लिमों ने अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर वक्फ अमेंडमेंट बिल के विरोध में नमाज अदा की। उनका उद्देश्य था कि सरकार तक यह संदेश पहुंचे कि वे इस विधेयक का समर्थन नहीं करते। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि यह संशोधन उनके अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विरोध पर कड़ा जवाब दिया और बिल के विरोधियों से कुछ अहम सवाल पूछे। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में कहा:

"मेरे लिए राष्ट्र सबसे ऊपर है"
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मैं एक नागरिक के रूप में काम करता हूं। मैं खुद को विशेष नहीं मानता। एक नागरिक के रूप में, मैं अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करता हूं। मेरे लिए राष्ट्र सबसे ऊपर है। अगर मेरा देश सुरक्षित है, तो मेरा 'धर्म' भी सुरक्षित है, और अगर 'धर्म' सुरक्षित है, तो यह कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।"

'सुधार समय की मांग है'

सीएम योगी ने वक्फ (अमेंडमेंट) बिल के बारे में कहा कि सुधार समय की मांग है। उन्होंने जोर देकर कहा कि "हर अच्छे काम का विरोध होता है। इसी तरह वक्फ संशोधन विधेयक पर भी हो-हल्ला हो रहा है।"

क्या वक्फ बोर्ड ने कोई कल्याण किया है?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विरोध करने वालों से सीधे सवाल किया कि क्या वक्फ बोर्ड ने अब तक कोई वास्तविक कल्याण किया है? उन्होंने आगे कहा, "सब कुछ छोड़िए, क्या वक्फ ने मुसलमानों का भी कोई कल्याण किया है? वक्फ निजी स्वार्थ का केंद्र बन गया है। यह किसी भी सरकारी संपत्ति पर जबरन कब्जा करने का माध्यम बन गया है और सुधार आवश्यक है। हर सुधार का विरोध होता है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।"

विधेयक पर आगे क्या?

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 2 अप्रैल को जब यह बिल संसद में पेश किया जाएगा, तो इस पर राजनीतिक दलों और नागरिक समाज की क्या प्रतिक्रिया होती है। क्या यह बिल पास होगा या फिर विपक्ष और विभिन्न संगठनों के विरोध के कारण इसमें बदलाव किया जाएगा? यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।

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