Maharashtra Politics: 'मेरे बेटे से नहीं, आओ मुझसे लड़ो'- उद्धव ठाकरे को सीएम शिंदे ने दी खुली चुनौती

Maharashtra Politics - 'मेरे बेटे से नहीं, आओ मुझसे लड़ो'- उद्धव ठाकरे को सीएम शिंदे ने दी खुली चुनौती
| Updated on: 07-Oct-2024 09:17 AM IST
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती दी। रविवार को ठाणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत शिंदे के खिलाफ की गई उद्धव ठाकरे की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। शिंदे ने ठाकरे को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि उनके बेटे को निशाना न बनाएं, और अगर मुकाबला करना हो तो सीधे मुझसे करें।

"बेटे को मत घसीटो, मुझसे मुकाबला करो" - शिंदे

मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने भाषण में उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "किसी के बेटे की आलोचना क्यों कर रहे हैं? मुकाबला करना है तो आकर उसके पिता से मुकाबला करें, मैं चुनौती दे रहा हूं।" शिंदे ने ठाकरे की आलोचनाओं को उनके अंदरूनी टूटने का परिणाम बताया और कहा कि उनका काम उन्हें इतना प्रभावित कर रहा है कि वे इस तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। शिंदे ने अपने खिलाफ उठ रहे आरोपों का जवाब अपने काम से देने की बात भी कही।

शिंदे का महाविकास अघाड़ी पर हमला

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "महाविकास अघाड़ी के ढाई साल और हमारे डेढ़ साल का हिसाब कर के देख लीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।" शिंदे ने यह भी दावा किया कि जब उनकी महायुति सरकार सत्ता में आई, तब लोगों के हित में काम तेजी से शुरू हुआ, जिसके कारण उनकी सरकार लोगों की पसंदीदा बन गई है।

उद्धव ठाकरे की टिप्पणियां

इससे पहले, शनिवार को उद्धव ठाकरे ने एक सभा में शिंदे गुट के नेताओं पर निशाना साधा था। ठाकरे ने साफ शब्दों में कहा था कि जो नेता शिवसेना छोड़कर गए हैं, उनकी वापसी अब मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा, "किसी भी विश्वासघाती को पार्टी में एंट्री नहीं दी जाएगी। राज्य की जनता विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना को उनकी जगह दिखाएगी। डेढ़ महीने में ये विश्वासघाती हमारे पास नौकरी के लिए आएंगे क्योंकि वे जॉबलेस हो जाएंगे।"

राजनीतिक घमासान

शिवसेना में शिंदे और ठाकरे गुट के बीच विवाद काफी समय से जारी है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विभाजन के बाद से दोनों गुटों के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है। शिंदे ने जिस तरह से उद्धव ठाकरे को चुनौती दी है, उससे यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति और भी गर्म हो सकती है।

निष्कर्ष

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच की यह जुबानी जंग महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रही है। जहां एक ओर शिंदे ने अपने काम को अपनी ताकत बताया, वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने विश्वासघातियों को पार्टी से बाहर रखने का संकल्प लिया है। चुनावों के करीब आते ही यह संघर्ष और तीव्र हो सकता है, जो राज्य की राजनीति को एक नई दिशा में ले जा सकता है।

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