Politics News: दादा अब आप सही जगह बैठे हैं... अजित पवार को लेकर अमित शाह ने ऐसा क्यों कहा? जानिए

Politics News - दादा अब आप सही जगह बैठे हैं... अजित पवार को लेकर अमित शाह ने ऐसा क्यों कहा? जानिए
| Updated on: 06-Aug-2023 06:07 PM IST
Politics News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को पुणे के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार के डिजिटल पोर्टल का उद्घाटन किया. साथ ही साथ उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ मंच साझा किया, जो हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को तोड़कर एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फड़नवीस सरकार में शामिल हुए. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री शाह के एक बयान की खूब चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने अजित पवार से कहा कि आपने यहां आने में काफी देर की है.

दरअसल, हुआ यूं कि अमित शाह इस कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे. कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार मंच पर मौजूद थे. तभी अमित शाह ने कहा कि मैं पहली बार अजित पवार के साथ मंच पर बैठा हूं. अजित पवार अभी सही जगह हैं और योग्य जगह पर बैठे हुए हैं. यहां आने में अजित दादा (पवार) आपने काफी देर की है. बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने अपनी पार्टी में दो फाड़ करते हुए 2 जुलाई को सत्तारूढ़ शिवसेना (शिंदे)-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए.

साल 2019 में भी अजित पवार ने बीजेपी से हाथ मिलाया

अजित पवार अपने साथ आठ विधायकों को लाए थे. उन्होंने खुद उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि आठ अन्य विधायकों ने मंत्रिपद के रूप में शपथ ली थी. इनमें छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, दिलीप वालसे पाटिल और अदिति तटकरे को शिंदे कैबिनेट में जगह मिली. अजित पवार ने ये कदम उस समय उठाया था जब उनके चाचा शरद पवार द्वारा प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

ध्यान रहे कि नवंबर 2019 में अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी और सभी को चौंका दिया था. हालांकि राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी शरद पवार उन्हें और अन्य एनसीपी विधायकों को पार्टी में वापस लाने में कामयाब हो गए थे. केवल तीन दिनों में फडणवीस और अजित पवार दोनों के इस्तीफा देने के बाद सरकार गिर गई थी.

शिवसेना को तोड़कर बीजेपी से मिले थे शिंदे

महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा यहीं नहीं रुका. इसके बाद शिवसेना (अविभाजित)-कांग्रेस-एनसीपी एक साथ आए और महा विकास अघाडी गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल की और अजित ने फिर से डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. हालांकि, करीब साढ़े तीन साल तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाडी सरकार चल सकी, इसके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में फाड़ कर दिए और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.

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