Red Road MP: देश की पहली लाल सड़क पर बहस: क्या ADAS कारों को भ्रमित करेगी यह अनोखी पहल?
Red Road MP - देश की पहली लाल सड़क पर बहस: क्या ADAS कारों को भ्रमित करेगी यह अनोखी पहल?
भारत की पहली लाल सड़क का अनावरण
मध्य प्रदेश में देश की पहली लाल सड़क का निर्माण किया गया है, जिसने सड़क सुरक्षा और ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नई बहस छेड़ दी है। NH-45 पर जंगल से गुजरने वाले लगभग 2 किलोमीटर लंबे इस हिस्से को खास तौर पर लाल रंग की थर्मोप्लास्टिक मार्किंग के साथ तैयार किया गया है। यह पहल भारत में सड़कों को स्मार्ट बनाने और नई तकनीकों के साथ तालमेल बिठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अनोखी सड़क का मुख्य उद्देश्य वाहनों की गति को स्वाभाविक रूप से कम करना और जंगली जानवरों को सड़क हादसों से बचाना है, जो अक्सर ऐसे वन क्षेत्रों में होते रहते हैं।
डिजाइन और उद्देश्य: एक अभिनव दृष्टिकोण
यह लाल सड़क सामान्य स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रिप से बिल्कुल अलग है। इसे हल्की उभरी हुई टेबल-टॉप लाल थर्मोप्लास्टिक मार्किंग के साथ बनाया गया है, जो दूर से ही स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इसका गहरा लाल रंग ड्राइवरों को बिना किसी झटके या परेशानी। के अपनी गाड़ी की गति धीमी करने का संकेत देता है। इस डिजाइन का लाभ यह है कि इससे अचानक ब्रेक लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिससे वाहन को नुकसान होने या यात्रियों को असुविधा होने की संभावना कम हो जाती है और यह विशेष रूप से जंगल वाले इलाकों में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है, जहां जानवरों के सड़क पर आने से होने वाले हादसे एक गंभीर समस्या हैं।ADAS सिस्टम और लाल सड़क: विशेषज्ञों की राय
इस लाल सड़क के निर्माण के बाद एक बड़ा सवाल यह उठा है कि क्या इसका अलग रंग आधुनिक ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर-असिस्टेंस सिस्टम) को भ्रमित कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस आशंका को दूर किया है और टाटा टेक्नोलॉजीज के ADAS चीफ इंजीनियर अभिषेक मोहन के अनुसार, आधुनिक ADAS सिस्टम केवल रंग पर निर्भर नहीं करते। वे सड़क की किनारों की सफेद और पीली लेन लाइनों, कंट्रास्ट, रिफ्लेक्टिविटी और। विभिन्न सेंसर जैसे कैमरा, रडार और LiDAR से प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हैं। उनका कहना है कि लेवल-2 और लेवल-3 ADAS सिस्टम के लिए यह सड़क आमतौर पर सुरक्षित है, बशर्ते लेन लाइनें स्पष्ट रूप से दिखाई देती रहें। ADAS मुख्य रूप से इन्हीं लाइनों का उपयोग करके वाहन को सही दिशा में बनाए रखता है।तकनीकी अनुकूलता और सुरक्षा
अभिषेक मोहन ने स्पष्ट किया कि ADAS सिस्टम लाल जैसी आड़ी मार्किंग। को सड़क की सतह का हिस्सा मानता है, न कि लेन का। इसका मतलब है कि सिस्टम इसे एक सामान्य सड़क सतह के रूप में प्रोसेस करेगा और लेन को ट्रैक करने के लिए सफेद या पीली लाइनों पर ही ध्यान केंद्रित करेगा। यदि किसी कारणवश लेन लाइनें कुछ समय के लिए ढक जाती हैं, तो सिस्टम ड्राइवर को वाहन का नियंत्रण लेने का संकेत दे सकता है, जिसे एक सुरक्षित और अपेक्षित व्यवहार माना जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि ड्राइवर हमेशा नियंत्रण में रहे और सिस्टम की सीमाएं स्पष्ट हों।दुबई से प्रेरणा, भारत के लिए नया मार्ग
मध्य प्रदेश की यह लाल सड़क दुबई की प्रसिद्ध शेख जायद रोड से प्रेरित है। दुबई में भी कुछ खास इलाकों में अलग रंग की सड़कें बनाई गई हैं, जिन्होंने सड़क हादसों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत का यह प्रयोग दर्शाता है कि देश अब केवल वाहनों की आवाजाही के लिए सड़कें नहीं बना रहा, बल्कि इंसान, जानवर और पर्यावरण सभी की सुरक्षा और सह-अस्तित्व को ध्यान में रखकर बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल, लोगों की सुरक्षा और वन्यजीवों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम है और यह लाल सड़क खतरे का प्रतीक नहीं, बल्कि समझदारी और अभिनव डिजाइन का एक संकेत है।