Rajasthan Politics: धर्मांतरण कानून पर गृह राज्य मंत्री बेढम का डोटासरा पर तीखा हमला, पूछा- 'कांग्रेस को क्यों हो रहा दर्द?'

Rajasthan Politics - धर्मांतरण कानून पर गृह राज्य मंत्री बेढम का डोटासरा पर तीखा हमला, पूछा- 'कांग्रेस को क्यों हो रहा दर्द?'
| Updated on: 20-Nov-2025 06:03 PM IST
राजस्थान में 'राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2025' को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. इस कानून के प्रावधानों को लेकर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राज्य की राजनीति में गर्माहट बढ़ गई है.

डोटासरा पर धर्मांतरण कानून के आड़े आने का आरोप

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर धर्मांतरण विरोधी कानून के आड़े आने का गंभीर आरोप लगाया है. बेढम ने स्पष्ट रूप से कहा कि हर व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से अपने धर्म. का पालन करने का अधिकार है, और यह नया कानून इसी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है. उन्होंने कांग्रेस के विरोध को अनुचित बताया और उनके इरादों पर सवाल उठाए.

कानून का उद्देश्य और प्रावधान

बेढम ने बताया कि राजस्थान सरकार धर्म परिवर्तन करने के नियमों को लेकर यह कानून लाई है. इस कानून के तहत, प्रत्येक व्यक्ति अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने के लिए पूरी तरह से आजाद है. हालांकि, इस स्वतंत्रता के साथ ही, कानून में उन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के प्रावधान भी बनाए गए हैं जो किसी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन करने के लिए जबरदस्ती करते हैं या उन्हें बरगलाते हैं. यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि धर्म परिवर्तन केवल स्वेच्छा से. हो और किसी भी प्रकार के दबाव या धोखे से मुक्त हो.

कांग्रेस के विरोध पर बेढम का सवाल

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस के विरोध पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "हमने राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2025 के जरिए इसके लिए कड़े प्रावधान किए हैं. मेरे समझ में यह नहीं आ रहा कि कांग्रेस के पेट में क्यों दर्द हो रहा है. " उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ता और जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है,. जबकि यह कानून लोगों की भलाई और उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है. बेढम के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है.

कानून की विधायी यात्रा और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

यह उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा ने 9 सितंबर को धर्मांतरण विरोधी बिल, 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' को पारित किया था और राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद, 29 अक्टूबर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसके बाद कानून के प्रावधान पूरे प्रदेश में लागू हो गए हैं. हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के संबंध में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है, जिससे इस कानून का भविष्य न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ गया है.

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