Didwana News: डीडवाना में किसानों के प्रदर्शन के दौरान लाडनूं विधायक मुकेश भाकर का पैर फ्रैक्चर

Didwana News - डीडवाना में किसानों के प्रदर्शन के दौरान लाडनूं विधायक मुकेश भाकर का पैर फ्रैक्चर
| Updated on: 27-Oct-2025 06:35 PM IST
राजस्थान के डीडवाना में सोमवार को किसानों की जमीनों को सरकारी संरक्षण में लेने और उन्हें 'सिवाय चक' घोषित करने के खिलाफ हुए एक बड़े प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें लाडनूं के विधायक मुकेश भाकर का पैर फ्रैक्चर हो गया। यह घटना तब हुई जब प्रदर्शनकारी जिला कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास कर रहे थे और पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया।

प्रदर्शन का कारण: कस्टोडियन जमीनों पर विवाद

यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से उन कस्टोडियन जमीनों को लेकर है जिन्हें सरकार 'सिवाय चक' घोषित करना चाहती है। किसानों का आरोप है कि इन जमीनों पर उनका दशकों से अधिकार है और सरकार उन्हें सरकारी संरक्षण में लेकर उनसे छीनने का प्रयास कर रही है। यह मुद्दा लंबे समय से क्षेत्र में तनाव का कारण बना हुआ है, और सोमवार का प्रदर्शन इसी असंतोष का परिणाम था और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कदम हजारों किसानों को उनकी आजीविका से वंचित कर देगा।

विधायक मुकेश भाकर को लगी गंभीर चोट

सोमवार को डीडवाना के जिला कलेक्ट्रेट के बाहर बड़ी संख्या में किसान और राजनीतिक कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। वे अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रवेश करना चाहते थे, लेकिन मौके पर तैनात भारी पुलिस बल ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया। प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ने लगे, जिसके बाद पुलिस और उनके बीच धक्का-मुक्की और झड़प शुरू हो गई और इस झड़प में सीकर के सांसद अमराराम, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, पूर्व विधायक चेतन डूडी और बलवान पूनिया जैसे प्रमुख नेता भी शामिल थे, जो बैरिकेड पर चढ़ गए थे। झड़प के दौरान, बैरिकेड से गिरने के कारण लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को गंभीर चोटें आईं और उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ है। घटना के तुरंत बाद, उन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनके पैर का इलाज किया और प्लास्टर चढ़ाया। विधायक भाकर के घायल होने की खबर फैलते ही प्रदर्शनकारियों में रोष और बढ़ गया।

अन्य नेताओं की मौजूदगी और वर्तमान स्थिति

इस प्रदर्शन में केवल मुकेश भाकर ही नहीं, बल्कि सीकर के सांसद अमराराम, पूर्व विधायक चेतन डूडी और बलवान पूनिया जैसे अन्य कद्दावर नेता भी मौजूद थे। वे सभी किसानों के समर्थन में इस आंदोलन का हिस्सा बने। विधायक के घायल होने के बाद, प्रदर्शनकारी फिलहाल जिला कलेक्ट्रेट के सामने ही धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने अपनी मांगों को पूरा किए जाने तक प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा की है। इस घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है और सरकार पर इन जमीनों के मुद्दे पर जल्द से जल्द समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया है।

आगे की रणनीति और सरकारी प्रतिक्रिया

प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे तब तक अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं और कस्टोडियन जमीनों को 'सिवाय चक' घोषित करने का फैसला वापस नहीं ले लिया जाता। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। उम्मीद है कि सरकार इस मामले पर जल्द ही कोई प्रतिक्रिया देगी, क्योंकि विधायक के घायल होने से यह मुद्दा अब और अधिक संवेदनशील हो गया है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात। नहीं मानी गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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