Govind Singh Dotasra: डोटासरा का बड़ा हमला: ब्यूरोक्रेसी सीएम का पत्ता काट सकती है, पीएम ने मेरा गमछा डांस कॉपी किया

Govind Singh Dotasra - डोटासरा का बड़ा हमला: ब्यूरोक्रेसी सीएम का पत्ता काट सकती है, पीएम ने मेरा गमछा डांस कॉपी किया
| Updated on: 24-Nov-2025 03:32 AM IST
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा रविवार को एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए भरतपुर पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और भाजपा सरकार के कामकाज पर तीखे हमले किए। डोटासरा ने कहा कि राज्य में सरकार कौन चला रहा है, यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सभी एक-दूसरे का पत्ता काटने की कोशिश में लगे हैं।

ब्यूरोक्रेसी पर गंभीर आरोप

डोटासरा ने राज्य की नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें आशंका है कि ब्यूरोक्रेसी ही मिलकर मुख्यमंत्री का पत्ता न काट दे। उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि जिस तरह से राजनीतिक 'पत्ते' काटे जा रहे हैं, कहीं उसमें भरतपुर के नेताओं का नंबर न आ जाए। यह टिप्पणी राज्य में सत्ता के गलियारों में चल रही अंदरूनी खींचतान और प्रशासनिक नियंत्रण को लेकर कांग्रेस की गहरी चिंता को दर्शाती है और डोटासरा के अनुसार, यह स्थिति राज्य के सुशासन के लिए ठीक नहीं है, जहां प्रशासनिक अधिकारी कथित तौर पर राजनीतिक नेतृत्व पर हावी हो रहे हैं।

पीएम मोदी के 'गमछा डांस' पर तंज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया 'गमछा डांस' पर टिप्पणी करते हुए डोटासरा ने दावा किया कि पीएम मोदी उनकी नकल कर रहे हैं और उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी मेरी कॉपी पेस्ट कर रहे हैं। मगर वो बात नहीं है, दम नहीं है। उनका हाथ हिल नहीं रहा और गमछा भी जवाब दे गया और ' डोटासरा ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह सिर्फ उनका ही काम है, यानी गमछा डांस को सही तरीके से करने का कौशल केवल उन्हीं के पास है। यह टिप्पणी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच हल्के-फुल्के अंदाज में की गई। थी, लेकिन इसमें पीएम की शैली पर कटाक्ष भी निहित था।

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम पर निशाना

डोटासरा ने गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम पर भी जमकर निशाना साधा और उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, जिसमें पुलिस की पिटाई, अपराधियों का खुलेआम घूमना, गुंडों द्वारा फिरौती वसूलना और कुचामन व जयपुर में हत्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी खुलेआम धमकियां दे रहे हैं और कोई पूछने वाला नहीं है। डोटासरा ने बेढम की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे खुद अपनी जान बचाकर घूम रहे हैं और एक सिपाही का भी ट्रांसफर नहीं कर सकते। उन्होंने चुनौती दी कि अगर बेढम किसी सीकर के सिपाही का भरतपुर ट्रांसफर करवा दें तो उन्हें बताया जाए, यह दर्शाता है कि मंत्री का अपने विभाग पर कितना कम नियंत्रण है।

भाजपा की दोहरी नीति और झूठे वादे

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा पर 'थूक के चाटने' और 'मुंह में राम बगल में छुरी' जैसी दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ऐसे लोग हैं जो कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं, उनके जेहन में दूसरी बात होती है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि ये लोग जनता से झूठे वादे करके उन्हें बरगलाकर सत्ता हथिया लेते हैं और बाद में भ्रष्टाचार करते हैं तथा जनता की सुध नहीं लेते। यह टिप्पणी भाजपा की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करने के। लिए की गई थी, विशेषकर चुनावी वादों और उनके क्रियान्वयन के संदर्भ में।

स्थानीय निकाय और जिला परिषद चुनावों में देरी

जिला परिषद और निकाय चुनावों को लेकर डोटासरा ने भाजपा सरकार पर चुनाव न करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि साढ़े छह साल से नगर निकाय के चुनाव नहीं। हुए हैं और सभी पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं। डोटासरा ने भरतपुर में कांग्रेस के प्रधान को हटाकर भाजपा द्वारा 'बड़ा खेला' करने का आरोप लगाया और कहा कि डेढ़ साल से जिला प्रमुख का चुनाव नहीं करवा पा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिला परिषद का गठन तब लागू होगा जब चुनाव होंगे, और भाजपा शायद चुनाव ही न करवाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ रही है और कोर्ट में भी उनके लोग संघर्ष कर रहे हैं और उन्होंने अंता का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा दो साल से कुछ नहीं कर रही है और भजन लाल जी की इज्जत बचाने के लिए जिला कलेक्टर को चार्ज दिलाकर काम चला रही है।

भाजपा कार्यालय में 'जनता दरबार' पर सवाल

भाजपा कार्यालय में 'जनता दरबार' के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि जब भाजपा कार्यकर्ता खुद स्वीकार? कर रहे हैं कि दो साल से उनकी सुनवाई नहीं हुई, तो आम जनता भाजपा कार्यालय क्यों जाएगी? उन्होंने सुझाव दिया कि मंत्रियों और प्रभारी मंत्रियों को सर्किट हाउस, पंचायत समिति, जिला परिषद या जिला कलेक्ट्रेट में बैठकर जनता की सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों के रवैये पर भी सवाल उठाया कि जब वे बड़े-बड़े नेताओं के लिए गेट नहीं खोलते तो आम जनता का क्या हाल होता होगा। यह टिप्पणी सरकार के जनता से सीधे संवाद और उनकी समस्याओं के समाधान के तरीके पर सवाल उठाती है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष नियुक्तियों में पारदर्शिता

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष पद पर हालिया नियुक्तियों को लेकर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि संगठन सृजन एआईसीसी हाईकमान ने किया है। जमीन पर आकर कांग्रेस के नेताओं ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया और जो सबसे उपयुक्त पाया गया, उसको लेकर हाईकमान ने लिस्ट जारी की है। उन्होंने बताया कि एआईसीसी का ऑब्जर्वर आया था, जिसने सभी की राय लेकर फैसला किया है। डोटासरा ने जोर देकर कहा कि इन नियुक्तियों में उम्र की कोई बाध्यता नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी सभी को आउट करने के चक्कर में कहते थे कि 75 साल के बाद रिटायर होना चाहिए, लेकिन जब खुद का नंबर आया तो कहने लगे कि ऐसा कोई नियम होता नहीं है। डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस ऐसी दोहरी नीति नहीं अपनाती है।

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