Dr. Ramkesh Singh Parmar: इलाज से बढ़कर इंसानियत: 10 साल में लाखों को जीवनदान देने वाले डॉ. रामकेश परमार
Dr. Ramkesh Singh Parmar - इलाज से बढ़कर इंसानियत: 10 साल में लाखों को जीवनदान देने वाले डॉ. रामकेश परमार
राजस्थान की राजधानी जयपुर में, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. रामकेश सिंह परमार ने चिकित्सा सेवा को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का एक माध्यम बना दिया है। पिछले एक दशक से, डॉ और परमार लाखों गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं, उन्हें न केवल मुफ्त इलाज प्रदान कर रहे हैं, बल्कि जीवन का अमूल्य तोहफा भी दे रहे हैं। धौलपुर के एक छोटे से गांव से शुरू हुआ उनका यह। सफर आज जयपुर में मानवता की एक जीती-जागती मिसाल बन चुका है।
दादी की प्रेरणा और निःस्वार्थ सेवा का संकल्प
डॉ. रामकेश परमार के इस असाधारण सेवा भाव के पीछे एक हृदयस्पर्शी कहानी है। वह बताते हैं कि उनकी दादी की अंतिम इच्छा थी कि वे एक ऐसे डॉक्टर बनें जो अपने ज्ञान से बीमारियों को सही समय पर समझ सके और मरीजों को बेहतर इलाज दे। उनकी दादी ने उन्हें अपने पास बुलाकर कहा था कि वे हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करें। इस प्रेरणा को जीवन का संकल्प मानते हुए, डॉ. परमार ने 2015 में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों की शुरुआत की, ताकि कोई भी मरीज धन के अभाव में इलाज से वंचित न रहे और यह संकल्प आज भी उनकी सेवा का आधार है।
पिछले 10 वर्षों में, डॉ. रामकेश परमार ने 500 से अधिक निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया है, जिनके माध्यम से लाखों मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। इनमें से एक लाख से भी अधिक मरीजों को शुगर, बीपी, हार्ट, लिवर, टीबी और श्वास संबंधी एलर्जी जैसी गंभीर बीमारियों का मुफ्त में इलाज किया गया है और इन शिविरों में न केवल विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जाता है, बल्कि मरीजों को आवश्यक दवाएं भी निःशुल्क वितरित की जाती हैं। उनका यह कार्य लाखों परिवारों के लिए एक वरदान साबित हुआ है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य और एक बेहतर जीवन जीने का मौका मिला है।लाखों मरीजों के लिए आशा की किरण
धौलपुर से जयपुर तक का सफर
डॉ. परमार का जन्म और पालन-पोषण धौलपुर जिले के सैंपऊ उपखंड के कुकूरा गांव में हुआ था। एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और जयपुर में अपनी चिकित्सा प्रैक्टिस स्थापित की। हालांकि, वे अपनी जड़ों को कभी नहीं भूले और अपने गांव तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार शिविरों का आयोजन करते रहे। उनका मानना है कि असली सेवा वहीं है जहां सबसे अधिक जरूरत है, और अक्सर यह जरूरत दूरदराज के गांवों में होती है।निशुल्क शिविरों की विस्तृत श्रृंखला
डॉ. परमार के निःशुल्क चिकित्सा शिविर केवल सामान्य जांच तक ही सीमित नहीं हैं। वे एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हैं, जिसमें बीमारियों का सही निदान, उचित उपचार योजना और मरीजों को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना शामिल है। इन शिविरों में कई बार ऐसे उपकरण भी लाए जाते हैं जिनसे जटिल बीमारियों की प्रारंभिक जांच संभव हो पाती है। उनका उद्देश्य सिर्फ तात्कालिक राहत देना नहीं, बल्कि मरीजों को एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित करना और गंभीर बीमारियों की रोकथाम में सहायता करना भी है। इस प्रकार, वे एक समुदाय-आधारित स्वास्थ्य मॉडल को बढ़ावा दे रहे हैं।समाज सेवा में निरंतर योगदान
डॉ और रामकेश सिंह परमार का यह निस्वार्थ सेवा कार्य आज भी अनवरत जारी है। वे चिकित्सा जगत के अन्य पेशेवरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं,। यह दिखाते हुए कि एक डॉक्टर समाज के लिए कितना कुछ कर सकता है। उनका समर्पण, करुणा और मानवता के प्रति प्रेम उन्हें एक असाधारण व्यक्ति बनाता है और वे जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और उनका यह प्रयास भविष्य में भी लाखों लोगों के जीवन को रोशन करता रहेगा।