US Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में टैरिफ संग्रह ने नई ऊंचाइयां छू ली हैं। व्हाइट हाउस का दावा है कि टैरिफ से होने वाली आय ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुकी है और जल्द ही यह 150 बिलियन डॉलर तक जा सकती है। हालांकि, यह भारी-भरकम कमाई अमेरिका के आर्थिक संकट, खासकर 36 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के राष्ट्रीय कर्ज को कम करने में बहुत कारगर साबित नहीं होगी। आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
अप्रैल 2025 में ट्रंप प्रशासन ने लगभग सभी आयातित सामानों पर 10% टैरिफ लागू किया। इसके साथ ही, कुछ देशों के साथ व्यापार घाटे को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त कर भी लगाए गए। इस नीति का असर तत्काल दिखा। पहले चार महीनों में टैरिफ से करीब 100 बिलियन डॉलर की कमाई हुई, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना से अधिक है। ट्रेजरी अधिकारियों का अनुमान है कि यह नीति सालाना 300 बिलियन डॉलर से ज्यादा की आय दे सकती है। वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने फॉक्स बिजनेस को बताया कि मासिक आधार पर 50 बिलियन डॉलर तक का संग्रह संभव है।
सरकार इस कमाई का उपयोग अपने 1.3 ट्रिलियन डॉलर के वार्षिक बजट घाटे को कम करने के लिए कर सकती है। इसके अलावा, चर्चा है कि अमेरिकी नागरिकों को ‘टैरिफ रिबेट चेक’ दिए जा सकते हैं, हालांकि इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी जरूरी होगी। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, रिपब्लिकन नेताओं को उम्मीद है कि टैरिफ से मिलने वाली राशि 3.4 ट्रिलियन डॉलर के घाटे को कम करने में मदद करेगी। लेकिन यह रास्ता उतना सरल नहीं है, जितना दिखता है।
टैरिफ से होने वाली कमाई प्रभावशाली जरूर है, लेकिन इसके दीर्घकालिक फायदे सीमित हैं। पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (PIIE) के एक शोध के अनुसार, टैरिफ से अगले दशक में खरबों डॉलर की कमाई हो सकती है, लेकिन यह कई चुनौतियों के साथ आती है। उदाहरण के लिए, 15% टैरिफ बढ़ाने से 3.9 ट्रिलियन डॉलर की आय हो सकती है, लेकिन अगर अन्य देश जवाबी टैरिफ लगाते हैं, तो यह राशि घटकर 1.5 ट्रिलियन डॉलर रह सकती है।
इसके अलावा, टैरिफ का असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी पड़ रहा है। आयातित सामानों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे महंगाई में इजाफा हो रहा है। फेड चेयर पॉवेल ने बताया कि अमेरिकी आयातक और रिटेलर अभी तक टैरिफ की लागत का बड़ा हिस्सा खुद वहन कर रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का खतरा बढ़ सकता है।
सबसे बड़ी चुनौती है अमेरिका का 36 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का राष्ट्रीय कर्ज। टैरिफ से होने वाली आय इस विशाल कर्ज को कम करने के लिए नाकाफी है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ नीति मनमानी और भावनात्मक आधार पर लागू की गई है, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।