Farmer Protest News: किसान पंजाब में BJP नेताओं का विरोध करेंगे, हरियाणा CM-गडकरी का है दौरा

Farmer Protest News - किसान पंजाब में BJP नेताओं का विरोध करेंगे, हरियाणा CM-गडकरी का है दौरा
| Updated on: 08-Dec-2024 10:12 AM IST
Farmer Protest News: आज, रविवार को किसानों के 101 सदस्यों का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा। यह कदम किसानों की लंबित मांगों को लेकर उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करते हुए सीमा पर भारी बल तैनात किया है।

शुक्रवार का घटनाक्रम

शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने कड़ा प्रतिरोध किया। किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए और उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। इसके बावजूद, किसानों ने शनिवार को शंभू बॉर्डर पर डेरा डालकर आंदोलन जारी रखा।

पुलिस की सख्त निगरानी

दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्थिति में किसानों को राजधानी में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।


पंजाब में बीजेपी के खिलाफ आंदोलन

किसान नेताओं ने पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ विरोध का ऐलान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जहां-जहां बीजेपी पदाधिकारी आएंगे, वहां किसान उनका विरोध करेंगे।

पंढेर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अमृतसर दौरे पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "अगर वे पंजाब में आते हैं तो किसानों को उनका विरोध करना चाहिए।"


सरकार पर आरोप और किसानों का रुख

किसान नेता पंढेर ने सरकार की नीतियों को "हठधर्मी" करार दिया और कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ट्रैक्टर ट्रॉलियों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के बाद अब किसानों के पैदल मार्च पर भी रोक लगा रही है।

पंढेर ने कहा, "हम लोग टकराव नहीं चाहते, बल्कि शांति से अपनी मांगें रखना चाहते हैं। लेकिन न तो हमें दिल्ली जाने दिया जा रहा है, न वार्ता की जा रही है।"


एमएसपी की गारंटी की मांग

किसान नेता ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार वाकई एमएसपी पर सभी फसलों को खरीदने की योजना बना रही है, तो प्रधानमंत्री को इस पर स्पष्ट बयान देना चाहिए।


आंदोलन का भविष्य

किसानों का कहना है कि यह आंदोलन उनकी आजीविका और भविष्य की सुरक्षा का सवाल है। शंभू बॉर्डर पर उनका डेरा और दिल्ली की ओर कूच का निर्णय इस बात का प्रमाण है कि वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

सरकार और किसानों के बीच वार्ता का रास्ता अभी तक साफ नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों के लिए यह जरूरी है कि इस आंदोलन का समाधान शांति और संवाद से निकले।

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