उत्तर प्रदेश: बड़ी मछली समझकर गंगा डॉल्फिन को मारा, तीन गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश - बड़ी मछली समझकर गंगा डॉल्फिन को मारा, तीन गिरफ्तार
| Updated on: 09-Jan-2021 01:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़-रायबरेली सीमा से गुजरने वाली शारदा सहायक नहर में स्तनधारी डॉल्फिन को धारदार हथियार से मारने का मामला सामने आया है। डॉल्फिन को मारने की घटना 31 दिसम्बर की सुबह की है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर मामला प्रकाश में तब आया जब सात दिन बाद शुक्रवार की सुबह डॉल्फिन को मारने का वीडियो वायरल हो गया।

 

डॉल्फिन को मारने वालों में शामिल तीन लोगों को नवाबगंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अन्य शामिल लोगों की तलाश जारी है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस द्वारा मारने वालों पर कार्यवाई तब हुई जब वीडियो वायरल हुआ।

 

भारत सरकार ने 'गंगा डॉल्फिन' को राष्ट्रीय जलीय जीव के रूप में मान्यता दी है। देश में गंगा डॉल्फिन की कुल आबादी का ठीक-ठीक आंकड़ा उपलब्ध तो नहीं है लेकिन विभिन्न अनुमानों से पता चलता है कि भारत में गंगा डॉल्फिन की आबादी लगभग 2500 से 3000 तक हो सकती है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा प्रत्येक वर्ष 5 अक्तूबर को गंगा डॉल्फिन दिवस मनाया जाता है।

 

गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) द्वारा लुप्तप्राय घोषित भी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिसम्बर 2020 में राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) की पहली बैठक में  प्रोजेक्ट टाइगर की तर्ज पर 'प्रोजेक्ट डॉल्फिन' को मंजूरी मिली थी।

 

लेकिन अभी भी ग्रामीणों में डॉल्फिन की सही पहचान नहीं है। प्रतापगढ़ जिले में डॉल्फिन को मारने की घटना में वन विभाग, पुलिस प्रशासन से लेकर आम ग्रामीणों में एक राय है कि डॉल्फिन को मारने वालों ने बड़ी मछली समझकर मौत के घाट उतार दिया।

 

शारदा सहायक नहर पर घटना के दौरान घटना स्थल से कुछ दूर चाय की दुकान पर मौजूद तुलसीराम पाल से हमने बात की। तुसलीराम बताते हैं कि "मैं उस चाय की दुकान पर था। लगभग आधे घण्टे से हल्ला (शोर) हो रहा था। चाय की दुकान पर लोगों ने बताया कि नहर में 50 से 60 किलो तक की मछली आ गई है। जब हमने वहां जाकर देखा तो मछली नहर की पटरी पर मरी पड़ी थी। तब मैंने गांव के प्रधान मनोज कुमार सिंह को सूचना दी।"

 

तुलसीराम कहते हैं, "वहां कोई सही-सही नहीं जानता था कि वह क्या है? कोई बड़ी मछली कह रहा था तो कोई डॉल्फिन कह रहा था। लेकिन लोग निवाला (भोजन) बनाना चाह रहे थे और बड़ी मछली समझकर मार दिया।"

 

डॉल्फिन को मारने में शामिल अज्ञात लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 और 51 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभी तक गिरफ्तार तीनों अपराधी ऊंचाहार थाना रायबरेली जिले के हैं। इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है बाकी शामिल लोगों की पुलिस तलाश कर रही है। गिरफ्तार लोगों में राहुल पुत्र अयोध्या प्रसाद, अनोज पुत्र रामपाल और राहुल पुत्र छोटे लाल शामिल हैं।

 

डॉल्फिन को मारने की ख़बर नवाबगंज थाने में ग्राम प्रधान मनोज कुमार सिंह ने दी थी। हमने मनोज कुमार सिंह से बात की। प्रधान मनोज कुमार ने बताया कि "ख़बर मिलने पर जब हम घटना स्थल पर पहुंचे तो मछली (डॉल्फिन) किनारे मरी पड़ी थी। इसके बाद हमने प्रशासन को सूचना दी। मछली के शव को 31 दिसम्बर को शाम 7 बजे तक सील करवा कर वन विभाग को सौंप दिया गया।"

 

क्षेत्रीय वन अधिकारी आर. के. सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को डॉल्फिन की सही पहचान नहीं थी उन्होंने बड़ी मछली समझकर मार डाला। सिंह कहते हैं कि "डॉल्फिन शारदा नदी से भटक कर नहर में आ गई थी। नहर में पानी कम हुआ तो लोगों ने देखा होगा। हमें जैसे ही पता चला हमने रिपोर्ट कर लिया। 

 

वन अधिकारी से पूछा कि मारने वालों का क्या उद्देश्य था? तो वे कहते हैं कि "गांव वालों बड़ी मछली समझकर मार डाला, वे सोचे मिलकर दावत करेंगे। गिरफ्तार तीनों ग्रामीणों ने बताया कि साहब हम जान नहीं पाए ये क्या है? हमने बड़ी मछली देखी और मार दिया।"

 

घटना स्थल पर मौके पर पहुंचे नवाबगंज थाना प्रभारी का कहना है कि "हमारे पहुंचने से पहले घटना स्थल से मारने वाले भाग चुके थे। मछली को मारते हुए वीडियो वायरल हुआ। इसी आधार पर हमने पता लगाया और कल ही तीन लोगों को जेल भेज दिया। बाकी को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।"

 

क्या गिरफ्तार लोगों को पता है कि उन्होंने राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन को मारा है? इसपर थाना प्रभारी का कहना है कि "गिरफ्तार तीनों बिल्कुल अनपढ़ हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे काटकर खाने के चक्कर में थे।"

 

ऐसे में सवाल उठाता है कि जिस डॉल्फिन को बचाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है, उसके बारे में लोगों को कितनी जानकारी है?

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।