देश: नौकरी करने वालों के लिए खुशखबरी-EPF पर मिलने वाला ब्याज हुआ तय, इस महीने में आएगा पैसा

देश - नौकरी करने वालों के लिए खुशखबरी-EPF पर मिलने वाला ब्याज हुआ तय, इस महीने में आएगा पैसा
| Updated on: 09-Sep-2020 03:39 PM IST
नई दिल्ली। EPFO (Employees Provident Fund Organisation) की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों पर फैसला हो गया है। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज तय किया गया है। लेकिन फिलहाल, EPFO की तरफ से सिर्फ 8.15% ब्याज दिया जाएगा। बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज दिसंबर महीने में दिया जाएगा। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल ने पांच मार्च की बैठक में ईपीएफ पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत कम है। न्यासी मंडल के अध्यक्ष श्रम मंत्री संतोष गंगवार हैं। ईपीएफ की यह प्रस्तावित दर सात साल की न्यूनतम दर होगी। केंद्रीय न्यासी बोर्ड के इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेज दिया गया था पर अभी तक वित्त मंत्रालय से उसका अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है।

आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत PF में जाता है। इतना योगदान कंपनी (Employer) की तरफ से भी जमा होता है। हालांकि, कंपनी का हिस्सा दो हिस्सों में बांटा जाता है। इसमें से 8।33 फीसदी EPS (Employee Pension Scheme) में जाता है। वहीं, बाकी हिस्सा PF खाते में जाता है।

बीते कुछ साल में EPF की दरें- ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि पर 8।65 प्रतिशत और 2017-18 में 8।55 प्रतिशत का ब्याज दिया था। जबकि 2015-16 में यह 8।8 प्रतिशत वार्षिक था। इससे पहले 2013-14 और 2014-15 में भविष्य निधि पर 8।75 और 2012-13 में 8।5 प्रतिशत ब्याज दिया गया।

सरकार ने मार्च के बाद कर्मचारियों और नियोक्ताओं को कोविड 19 संकट से उबरने के लिए भविष्य निधि से संबंधित कई राहत उपायों की घोषणा की है। कर्मचारी अब पीएफ खाते में से तीन महीने की बेसिक सैलरी और डीए या पीएफ में जमा रकम के 75 फीसदी में से जो कम हो, उतनी रकम निकाल सकते हैं। इस रकम को दोबारा इसमें जमा करने की जरूरत नहीं है।

मार्च में क्यों घटाई गईं ब्याज दर-EPFO ने पिछले दो वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है। इसमें से करीब 4500 करोड़ रुपए दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) में लगाए गए हैं। इन दोनों को ही भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। DHFL फिलहाल, बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है। वहीं IL&FS को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम चल रहा है।

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