Parliament Session: अब बढ़ जाएंगे गुटखा-सिगरेट और पान-मसाला के दाम! संसद में पेश होगा बिल

Parliament Session - अब बढ़ जाएंगे गुटखा-सिगरेट और पान-मसाला के दाम! संसद में पेश होगा बिल
| Updated on: 01-Dec-2025 07:54 AM IST
सरकार तंबाकू और पान मसाला जैसे 'सिन गुड्स' पर मौजूदा टैक्स बोझ को बनाए रखने के लिए दो नए बिल संसद में पेश करने की तैयारी में है। यह कदम GST कंपनसेशन सेस के खत्म होने के बाद भी इन उत्पादों पर पहले जैसा ही टैक्स असर जारी रखने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इन बिलों के पारित होने से गुटखा, सिगरेट और पान मसाला जैसे। उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को लोकसभा में सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 पेश किए जाने की संभावना है।

सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 का लक्ष्य सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर GST कंपनसेशन सेस की जगह लेना है। वहीं, हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 पान मसाला पर कंपनसेशन सेस की जगह लेगा। इन बिलों का मुख्य मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए धन जुटाना है, साथ ही उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर सेस लगाना है जिनसे ये विशेष सामान बनाए या तैयार किए जाते हैं।

टैक्स का मौजूदा ढांचा

वर्तमान में, तंबाकू और पान मसाला पर 28% का GST लगता है। इसके अतिरिक्त, इन उत्पादों पर अलग-अलग दरों पर कंपनसेशन सेस भी लगाया जाता है। यह सेस 1 जुलाई 2017 को GST लागू होने के समय राज्यों को हुए राजस्व घाटे की भरपाई के लिए 5 साल की अवधि के लिए, यानी 30 जून 2022 तक, लागू किया गया था।

कंपनसेशन सेस का इतिहास और विस्तार

शुरुआत में 5 साल के लिए लागू किया गया कंपनसेशन सेस बाद में 4 साल के लिए, यानी 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया था और इस विस्तार का उद्देश्य उस ऋण को चुकाना था जो केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों को हुए GST घाटे की भरपाई के लिए लिया था। चूंकि यह ऋण पुनर्भुगतान दिसंबर में कभी भी पूरा होने। की उम्मीद है, इसलिए कंपनसेशन सेस भी समाप्त हो जाएगा।

GST काउंसिल का फैसला

3 सितंबर, 2025 को GST काउंसिल ने फैसला किया था कि तंबाकू और पान मसाला पर कंपनसेशन सेस तब तक जारी रहेगा जब तक लिए गए ऋण चुका नहीं दिए जाते। इसके विपरीत, अन्य महंगी वस्तुओं पर कंपनसेशन सेस 22 सितंबर को समाप्त हो गया था, जब GST दरों को केवल 5% और 18% वाले दो टैक्स स्लैब के साथ लागू किया गया था। बहुत महंगे सामान और एरेटेड ड्रिंक्स के लिए 40% का रेट तय किया गया था।

संभावित प्रभाव

सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 यह सुनिश्चित करेंगे कि कंपनसेशन सेस बंद होने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला जैसी नशे वाली चीजों पर टैक्स का असर वैसा ही रहे। इसका सीधा मतलब यह है कि इन उत्पादों की कीमतें कम नहीं होंगी, बल्कि मौजूदा टैक्स बोझ को बनाए रखने के लिए नए टैक्स लगाए जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं को पहले की तरह ही या संभवतः अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह सरकार की नीति का हिस्सा है कि वह 'सिन गुड्स' पर उच्च कराधान। बनाए रखे, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक धन जुटाया जा सके।

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