Hanumangarh Ethanol Factory: प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति, निर्माण कार्य रुका

Hanumangarh Ethanol Factory - प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति, निर्माण कार्य रुका
| Updated on: 12-Dec-2025 11:30 PM IST
इस गंभीर स्थिति को शांत करने और समाधान निकालने के उद्देश्य से, शुक्रवार (12 दिसंबर) की शाम को जिला कलेक्ट्रेट में किसानों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता आयोजित की गई। सादुलशहर के विधायक गुरवीर सिंह बराड़ ने इस वार्ता को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई, जिनके प्रयासों से किसान संगठनों का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट सभागार में बातचीत के लिए पहुंचा। इस बैठक में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी चिंताओं और मांगों को विस्तार से रखा, जिसके बाद गहन चर्चा हुई और अंततः कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी, जिससे गतिरोध समाप्त होने की उम्मीद जगी।

परिचय: हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री विवाद की पृष्ठभूमि

हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण को लेकर। किसान और प्रशासन पिछले कुछ दिनों से आमने-सामने थे, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ था। यह विवाद 10 दिसंबर को उस समय चरम पर पहुंच गया जब एथेनॉल फैक्ट्री निर्माण के विरोध में बुलाई गई महापंचायत के बाद बड़े पैमाने पर आगजनी, बवाल, लाठीचार्ज और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं के बाद से ही क्षेत्र में अशांति बनी हुई थी और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। किसानों की मुख्य चिंताएं फैक्ट्री के पर्यावरणीय प्रभाव, भूजल पर पड़ने वाले असर और निर्माण मानकों को लेकर थीं, जिनके समाधान के लिए वे लगातार प्रदर्शन कर रहे थे।

सहमति के मुख्य बिंदु और लिखित आश्वासन

वार्ता के दौरान, प्रशासन ने किसानों की प्रमुख मांगों पर सहमति व्यक्त की। सहमति के मुख्य बिंदुओं में यह शामिल था कि एथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण मानकों की गहन जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी नियामक आवश्यकताओं का पालन किया जा रहा है और इसके अतिरिक्त, फैक्ट्री के पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी, जो क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र और निवासियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का मूल्यांकन करेगी। भूजल पर पड़ने वाले असर की भी विस्तृत जांच की जाएगी, जो किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय था क्योंकि यह कृषि और पीने के पानी की उपलब्धता को सीधे प्रभावित करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इन सभी जांचों के पूरी होने तक फैक्ट्री परिसर में सभी प्रकार के निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा। जिला कलेक्टर ने इन सभी सहमतियों को किसान प्रतिनिधिमंडल को लिखित रूप में सौंपा, जिससे किसानों को एक ठोस आश्वासन मिला।

उच्चाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण बैठक में कई उच्चाधिकारी। और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे, जिन्होंने समाधान निकालने में सक्रिय भूमिका निभाई। बैठक में एडीजी वी. के. सिंह, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, जिला कलेक्टर खुशाल यादव और। एसपी हरी शंकर सहित जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जनप्रतिनिधियों में भाजपा विधायक गुरवीर बराड़, भाजपा प्रदेश मंत्री विजेंद्र पुनिया, पूर्व विधायक धर्मेंद्र मोची, पूर्व विधायक गुरदीप शाहपिनी, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू और देवेंद्र पारीक शामिल थे। इन सभी नेताओं और अधिकारियों ने मिलकर किसान प्रतिनिधिमंडल से एथेनॉल फैक्ट्री से जुड़ी उनकी समस्याओं और आशंकाओं पर विस्तृत चर्चा की। सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि उच्च स्तरीय जांच होने तक यथास्थिति बनाए रखी जाए, जिससे किसानों की चिंताओं को गंभीरता से लिया जा सके।

किसानों की प्रतिक्रिया: संघर्ष अभी जारी है

वार्ता के बाद, किसान प्रतिनिधि कामरेड जगजीत सिंह ‘जग्गी' ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई है और किसानों की कुछ प्रमुख मांगों को स्वीकार किया गया है। उन्होंने इस सहमति को एक सकारात्मक कदम बताया, लेकिन साथ ही यह। भी स्पष्ट किया कि 17 दिसंबर को होने वाली किसान महापंचायत यथावत रहेगी। इस महापंचायत में ही आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी, क्योंकि उनके अनुसार संघर्ष अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। हालांकि, आज की बैठक के बाद आगे की राह थोड़ी आसान हुई है और किसानों को अपनी मांगों पर ध्यान दिए जाने का भरोसा मिला है।

क्षेत्र में शांति और इंटरनेट बहाली की उम्मीद

इस सहमति के बाद, राठीखेड़ा और आसपास के इलाकों में पिछले तीन दिनों से बना तनाव काफी हद तक कम होने की उम्मीद जगी है। क्षेत्र में अभी भी पुलिस बल की भारी तैनाती है, लेकिन माना जा रहा है कि स्थिति सामान्य होने पर टिब्बी क्षेत्र में तैनात भारी पुलिस जाप्ता जल्द ही घटाया जा सकता है। इसके साथ ही, क्षेत्र में पिछले तीन दिन से बंद पड़ी मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली की उम्मीद भी बढ़ गई है। सहमति के बाद क्षेत्र में तनाव में कमी आने की संभावनाओं के चलते, जिला प्रशासन जल्द ही स्थितियों की समीक्षा करेगा और उसके बाद इंटरनेट सेवा बहाली के आदेश जारी कर सकता है। इंटरनेट बंद होने से सभी तरह के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा। था, और इसकी बहाली से सामान्य जनजीवन पटरी पर लौटने की उम्मीद है।

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