Electronic Voting Machine: EVM हैक करने का बार-बार कर रहा था दावा, FIR दर्ज हुई तो विदेश में जा छिपा सैयद शुजा

Electronic Voting Machine - EVM हैक करने का बार-बार कर रहा था दावा, FIR दर्ज हुई तो विदेश में जा छिपा सैयद शुजा
| Updated on: 01-Dec-2024 11:22 PM IST
Electronic Voting Machine: मुंबई पुलिस की साइबर शाखा ने एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की फ्रीक्वेंसी से छेड़छाड़ कर उसे हैक करने का झूठा दावा किया था। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए इसे पूरी तरह निराधार और असत्य बताया।

मामले का विवरण

महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर 30 नवंबर को मुंबई के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।

  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी सैयद शुजा ने दावा किया था कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम को हैक कर सकता है।
  • इस वीडियो के सामने आने के बाद निर्वाचन आयोग ने इसे झूठा करार देते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

पिछले मामले से जुड़ा आरोपी

सैयद शुजा पहले भी 2019 में इसी प्रकार के झूठे दावे के लिए सुर्खियों में आ चुका है।

  • निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 2019 में दिल्ली पुलिस ने शुजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
  • आयोग ने बताया कि शुजा वर्तमान में किसी अन्य देश में छिपा हुआ है और उसकी गतिविधियों की जांच की जा रही है।

कानूनी कार्रवाई और जांच

मुंबई और दिल्ली पुलिस इस मामले में सक्रिय जांच कर रही हैं।

  • पुलिस उन व्यक्तियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास में है, जो शुजा की इन "दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों" में सहयोग कर रहे हैं।
  • भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ईवीएम के खिलाफ झूठे दावे पर निर्वाचन आयोग का रुख

निर्वाचन आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर भरोसा दिलाया है।

  • ईवीएम को किसी नेटवर्क जैसे वाई-फाई या ब्लूटूथ से जोड़ने की तकनीकी संभावना नहीं है।
  • उच्चतम न्यायालय ने भी ईवीएम की सुरक्षा और पारदर्शिता पर भरोसा जताया है।
  • आयोग ने चेतावनी दी है कि ईवीएम के खिलाफ झूठे दावे फैलाना एक गंभीर अपराध है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

ईवीएम: लोकतंत्र की मजबूत कड़ी

ईवीएम का डिज़ाइन और तकनीकी संरचना इसे हैकिंग से सुरक्षित बनाती है।

  • यह मशीन पूरी तरह से ऑफलाइन है, जो इसे किसी भी नेटवर्क-आधारित हमले से बचाती है।
  • चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कड़े परीक्षण और सुरक्षा उपाय अपनाए जाते हैं।

निष्कर्ष

सैयद शुजा द्वारा किए गए झूठे दावे और इसे लेकर वायरल वीडियो ने चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने का प्रयास किया है। निर्वाचन आयोग और पुलिस की सक्रियता ने यह संदेश दिया है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। ईवीएम के खिलाफ झूठे आरोप न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि यह जनता के विश्वास को कमजोर करने का प्रयास भी है। ऐसी हरकतों पर सख्त कानूनी कार्रवाई लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है।

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