Uttarakhand : सड़क नहीं तो कैसे बने आलीशान रिजॉर्ट? अंकिता हत्याकांड के बाद उठे सवाल

Uttarakhand - सड़क नहीं तो कैसे बने आलीशान रिजॉर्ट? अंकिता हत्याकांड के बाद उठे सवाल
| Updated on: 25-Sep-2022 01:25 PM IST
Uttarakhand | अंकिता हत्याकांड के बाद उत्तराखंड में संचालित आलीशान रिजॉर्ट पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के गंगाभोगपुर के जिस भाजपा नेता के बेटे रिजॉर्ट में पौड़ी की बेटी अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट थी, वह रिजॉर्ट बिना लाइसेंस के ही संचालित हो रहा था। जिले के पर्यटन महकमे की इस इस मामले में रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया है।

ऋषिकेश से सटे यमकेश्वर ब्लॉक के दर्जनों गांवों को अपनी सामान्य जीवनचर्चा में राजाजी नेशनल पार्क के सख्त नियमों के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसी पार्क के अंदर दर्जनों रिजॉर्ट खुल गए हैं। रसूखदारों के सामने ग्रामीणों की आवाज हमेशा दब जाती है। यमकेश्वर ब्लॉक में हेंवल घाटी, ताल घाटी और डांडामंडल में बीते एक दशक के दौरान दर्जनों रिजॉर्ट खुल चुके हैं।

साइकिल बाड़ी निवासी हरीश कंडवाल के मुताबिक गंगाभोगपुर से डांडामंडल जाने वाली सड़क 11 किमी सड़क पार्क के अंदर होने के कारण पक्की नहीं बन पाई है। तालघाटी में धारकोट - जुलेड़ी मोटर मार्ग पर पुल नहीं बन पा रहा है, जिस कारण आगे 14 किमी सड़क नहीं बन पा रही है। दूसरी तरफ इन जंगलों के अंदर रिजॉर्ट खुल रहे हैं। पार्क से सटे ढौषण गांव के किसान हरेंद्र सिंह पयाल के मुताबिक त्याड़ों- विंध्यवासिनी सड़क बनने में पार्क भूमि की अड़चन है, लेकिन यहां चल रहे रिजार्ट पर किसी का नियंत्रण नहीं है।  

बिना पंजीकरण चल रहा था भाजपा नेता का रिजॉर्ट 

यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के गंगाभोगपुर के जिस रिजॉर्ट में पौड़ी की बेटी अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी, वह रिजॉर्ट बिना लाइसेंस के ही संचालित हो रहा था। जिले के पर्यटन महकमे की इस इस मामले में रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वनंतरा रिजॉर्ट का किसी तरह का पंजीकरण पर्यटन इकाई के तौर पर नहीं किया गया है।

जबकि नियम यह है कि किसी होटल, रिजॉर्ट आदि का संचालन बिना पंजीकरण के नहीं किया जा सकता। लेकिन इस रिजॉर्ट के मामले में ऐसा ही हुआ है।  ऐसी  इकाइयों को चलाने के लिए संचालकों को उत्तराखंड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय पंजीकरण नियमावली के तहत पंजीकरण करवाना ही पड़ता है।

पंजीकरण के लिए फायर की एनओसी के साथ ही भूमि संबंधी दस्तावेज, नक्शा, सर्विस टैक्स, पैन आदि महत्वपूर्ण औपारिकताएं भी पूरी करनी पड़ती है तभी पर्यटन महकमा संबंधी होटल या रिजॉर्ट को पंजीकरण करता है, लेकिन यमकेश्वर के गंगाभोगपुर में संचालित हो रहा इस रिजॉर्ट स्वामी ने ऐसा कोई आवेदन ही महकमे में नहीं किया।

बताया गया कि फैक्ट्री की आड़ में पहले गेस्ट हाउस बनाया गया और फिर इसे रिजॉर्ट के रूप में संचालित किया गया। वहीं रिजॉर्ट को लेकर पौड़ी के डीएम पौड़ी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया है कि फिलहाल रिजॉर्ट को सील कर दिया गया है। यह अवैध है या नहीं इसको लेकर जांच शुरू कर दी गई है। 

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