Jagdeep Dhankhar: आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं, धनखड़ के इस्तीफे पर PM बोले

Jagdeep Dhankhar - आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं, धनखड़ के इस्तीफे पर PM बोले
| Updated on: 22-Jul-2025 03:20 PM IST

Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ की ओर से सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दिए जाने के बाद देश का सियासी माहौल गरमा गया है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से अपने पद को छोड़ दिया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इस मुद्दे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”

तत्काल प्रभाव से छोड़ा पद

सोमवार देर शाम धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और इसे आगे की कार्यवाही के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय जल्द ही उपराष्ट्रपति पद के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर सकता है।

2027 तक था कार्यकाल

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था, और उनका कार्यकाल 2027 तक था। हालांकि, संसद के वर्तमान मानसून सत्र के पहले दिन ही उनका इस्तीफा आ गया। धनखड़ की हाल ही में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में एंजियोप्लास्टी हुई थी, और इस साल मार्च में भी उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मंगलवार को राज्यसभा की सुबह की कार्यवाही की अध्यक्षता उपसभापति हरिवंश ने की, क्योंकि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। सामान्य रूप से धनखड़ ही सदन की कार्यवाही की शुरुआत में अध्यक्षता करते थे।

विपक्ष ने उठाए सवाल

धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने विपक्ष को सवाल उठाने का मौका दे दिया है। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा, “जगदीप धनखड़ ने कल साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी। फिर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बड़ा घट गया कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रीजीजू कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में नहीं पहुंचे। धनखड़ मानदंडों, मर्यादाओं और नियमों को लेकर बेहद सजग थे, और उनका मानना था कि उनके कार्यकाल में इन नियमों की लगातार अवहेलना की जा रही थी।”

विपक्ष का कहना है कि धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में ही नहीं, बल्कि उन लोगों की नीयत पर भी सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें इस पद तक पहुंचाया। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक विपक्ष के इन सवालों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

क्या है आगे की प्रक्रिया?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए नई नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है। गृह मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के बाद इस दिशा में तेजी से कदम उठाए जा सकते हैं।

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