राजस्थान: जालौर हाइवे पर उतरे सुखोई और जगुआर, PAK सीमा के पास तैयार हुआ भारत का 'रण'वे

राजस्थान - जालौर हाइवे पर उतरे सुखोई और जगुआर, PAK सीमा के पास तैयार हुआ भारत का 'रण'वे
| Updated on: 09-Sep-2021 11:44 AM IST
पाकिस्तान सीमा से 40 किलोमीटर दूर हाईवे पर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ और नितिन गडकरी ने इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग स्ट्रिप का उद्घाटन किया। राजनाथ और नितिन गडकरी को लेकर सेना के सुपर हरकुलिस ने हाईवे पर बनी 3 किलोमीटर की एयर स्ट्रिप पर लैंडिंग की। इसके बाद पाकिस्तान बॉर्डर से सटी देश की पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी पर फाइटर जेट सुखोई ने लैंडिंग की। थोड़ी देर में जगुआर और मिग जैसे फाइटर जेट भी यहां टच डाउन करेंगे।


राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी दिल्ली से हरकुलिस से रवाना हुए थे और सुबह करीब 11 बजे इनका विमान अगड़वा-जालोर इमरजेंसी हवाई पट्टी पर उतरा। हवाई पट्टी पर एयरक्राफ्ट ऑपरेशन और फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट होगा।

33 करोड़ की लागत से बनी इमरजेंसी स्ट्रिप


इस हवाई पट्‌टी को बनाने में 33 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एयरपोर्ट के अलावा पहली बार किसी हवाई पट्टी पर उतरने वाले प्लेन में मौजूद थे। रक्षा और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के करीब 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं।


सुखोई एसयू-30, मिग और जगुआर की लैंडिंग का प्रोग्राम दोपहर 12:30 बजे तक चलेगा। इस कार्यक्रम के बाद राजनाथ और गडकरी हवाई पट्टी से रवाना होकर दोपहर 1.15 बजे जैसलमेर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।


इमरजेंसी हवाई पट्‌टी पर प्लेन की पार्किंग से लेकर वॉशरूम तक की सुविधा

बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की 3 किमी. लंबाई और 33 मीटर चौड़ाई है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40X180 मीटर आकार की दो पार्किंग भी बनाई गई हैं, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके।


इसके अलावा 25X65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है जो पूरी तरह से वॉशरूम सुविधायुक्त है। इसके अलावा इमरजेंसी हवाई पट्टी के पास 3.5 किलोमीटर लंबी और 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है।


इन देशों में भी हैं हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्‌टी


जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विटजरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं।

भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। जबकि आंध्र प्रदेश में ऐसी दो, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है।

उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।

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