देश: चीन की नकल कर दुनिया की अगली फैक्ट्री नहीं बन सकता भारत: नीति आयोग के अध्यक्ष

देश - चीन की नकल कर दुनिया की अगली फैक्ट्री नहीं बन सकता भारत: नीति आयोग के अध्यक्ष
| Updated on: 13-Aug-2021 11:51 AM IST
नई दिल्ली: नीति आयोग के अध्यक्ष अमिताभ कांत ने कहा है कि भारत, चीन की नकल कर दुनिया में अगला मैन्‍यूफैक्‍चरिंग हब नहीं बन सकता। अमिताभ कांत ने कहा है कि अगर भारत को ग्लोबल लीडर बनना है तो उसे अपने उभरते क्षेत्रों में विकास करना होगा। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान अमिताभ कांत ने कहा कि 'भारत के निजी क्षेत्रों को खुद ही अपने लिए एक महत्वकांक्षी टारगेट निश्चित करना होगा और ग्रीन हाइड्रोजन, हाई-एंड बैट्रीज और एडवांस सोलर प्लांट पर फोकस करना होगा ताकि वो इस प्रतियोगिता में शामिल हो सके। चीन का नकल कर भारत दुनिया का अगला मैन्‍यूफैक्‍चरिंग हब नहीं बन सकता। हमें हमेशा उभरते क्षेत्रों के विकास की तरफ देखना होगा। यह वो समय है जब आप अपने इन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दें।' 

अमिताभ कांत के मुताबिक चीन जिन क्षेत्रों में पहले से लीडर की भूमिका में है उन क्षेत्रों में भारत आगे नहीं बढ़ सकता। अमिताभ कांत ने कहा कि भारत के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में  मजबूत अग्रणी कंपनियां मौजूद हैं। ये (हाइड्रोजन, हाई एंड बैट्रीज और एडवांस सोलर प्लांट) वो क्षेत्र हैं जहां तकनीकि विकास हैं। अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया दोनों का ही निर्यातक बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच सालों में सोलर एनर्जी के दाम गिरकर 1 रूपया प्रति यूनिट हो जाना चाहिए। और इसलिए इससे ऐसे हालात बनेंगे कि भारत के ग्रीन उत्पाद भारत के हाई कार्बन उत्पादों से ज्यादा सस्ते हो जाएंगे। 

अमिताभ कांत ने कहा कि यूरोप और अमेरिका एक साथ मिलकर लगभग 550 गीगावाट्स ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया आयात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य होना चाहिए कि वो कम से कम 200 गीगावाट ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया साल 2030 तक निर्यात करे। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योगों को डिजीटल होने के साथ-साथ स्किल में इन्वेस्ट और प्रतियोगी होने की जरुरत है।

अमिताभ कांत ने कहा कि कोविड महामारी की वजह से जो मुश्किलें आई हैं वो रुकावट का कारण नहीं बनेंगी। निजी क्षेत्रों को प्रतियोगी होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया ग्रीन टेक्नोलॉजी की तरफ जा रही है और पुरानी टेक्नोलॉजी खत्म हो जाएगी। ग्रीन तकनीक ही भविष्य है। भारत ग्रीन एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स के दाम को कम करने के लिए बेहतरीन प्रयास कर रहा है। आयोग इस वक्त कई राज्यों के साथ इलेक्ट्रीक व्हीकल और ग्रीन मोबिलिटी पर काम कर रहा है और इस दिशा में राज्यों के प्रयास सराहनीय हैं।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।