Myanmar Earthquake: भारत ने बढ़ाया म्यांमार में तबाही के बीच मदद का हाथ, भेजी 15 टन राहत सामग्री

Myanmar Earthquake - भारत ने बढ़ाया म्यांमार में तबाही के बीच मदद का हाथ, भेजी 15 टन राहत सामग्री
| Updated on: 29-Mar-2025 08:52 AM IST

Myanmar Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के चलते कई इमारतें धराशायी हो गईं और जनजीवन प्रभावित हुआ। इसी बीच भारत ने अपने पड़ोसी देश म्यांमार को सहायता प्रदान करते हुए 15 टन राहत सामग्री भेजी है।

भारतीय वायुसेना ने पहुंचाई सहायता

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने हिंडन एयरबेस से सी-130जे विमान के जरिए राहत सामग्री म्यांमार भेजी। इस राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक चीजें शामिल हैं। भारत सरकार के इस त्वरित कदम की स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा रही है।

भूकंप के कई झटकों से दहशत

म्यांमार में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए, जिससे न सिर्फ म्यांमार बल्कि थाईलैंड में भी व्यापक असर पड़ा। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के मुख्य भूकंप के बाद 6.4 और 4.9 तीव्रता के झटके भी दर्ज किए गए। रात में भी 11:56 बजे 4.2 तीव्रता का आफ्टरशॉक दर्ज किया गया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर के पास रहा।

थाईलैंड में भी प्रभाव

इस शक्तिशाली भूकंप के झटके थाईलैंड के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए। बैंकॉक में ऊंची इमारतों में कंपन की वजह से सैकड़ों लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों और वीडियो में स्विमिंग पूल से पानी बाहर गिरता हुआ नजर आया, जिससे भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

पीएम मोदी की संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में आए इस भूकंप पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए कहा, "म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के मद्देनजर पैदा हुई स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।"

भारत सरकार की इस त्वरित मानवीय सहायता से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है। इस कठिन समय में भारत ने अपने पड़ोसी देशों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग का परिचय दिया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।

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