अर्थव्यवस्था: वैश्वीकरण के खतरों से निपटने के लिए भारत को तंत्र की ज़रूरत है: अभिजीत बनर्जी
अर्थव्यवस्था - वैश्वीकरण के खतरों से निपटने के लिए भारत को तंत्र की ज़रूरत है: अभिजीत बनर्जी
नई दिल्ली: नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत विनायक बनर्जी ने रविवार को कहा कि वैश्वीकरण से भारत को फायदा हुआ है। हालांकि पश्चिम बंगाल के एनजीओ बंधन-कोननगर द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वैश्वीकरण से जुड़े जोखिमों से निपटा जा सकता है, बशर्ते वैश्वीकरण के साथ संसाधन भी आएं।बनर्जी ने कहा, ‘‘भारत को वैश्वीकरण का लाभ है। 1990 की शुरुआत से आज तक भारत का निर्यात अन्य देशों की तुलना में तेजी से बढ़ा है।’’ नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री ने कहा कि वैश्वीकृत दुनिया के साथ बड़ा जोखिम जुड़ा होता है। हम इन जोखिमों से निपट सकते हैं, बशर्ते वैश्वीकरण के साथ संसाधन भी आएं।उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि ये जोखिम अत्यधिक गरीबों पर केंद्रित हों।कोलकाता के प्रेजिडेंसी कॉलेज से पढ़े बनर्जी ने कहा, ‘‘इससे बचाव के उपाय करने की जरूरत है। लेकिन बचाव तंत्र पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया और इसे नरेगा जैसे कार्यक्रम आने तक ज्यादातर समय एनजीओ पर छोड़ दिया गया।’’पूर्व में कई अर्थशास्त्री कह चुके हैं कि वैश्वीकरण का प्रभाव रोजगारविहीन वृद्धि के रूप में आता है। इसमें विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखलाओं का अधिक स्वचालन होता है।