India Stock Market: कोविड के बाद भारतीय शेयर बाजार में ₹148 लाख करोड़ की रिकॉर्ड संपत्ति का सृजन

India Stock Market - कोविड के बाद भारतीय शेयर बाजार में ₹148 लाख करोड़ की रिकॉर्ड संपत्ति का सृजन
| Updated on: 15-Dec-2025 08:27 AM IST
मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक बाजार में आए भारी संकट के बाद, भारतीय शेयर बाजार ने एक अभूतपूर्व वापसी दर्ज की है। इस अवधि में, भारतीय कंपनियों ने शेयरधारकों के लिए ₹148 लाख करोड़ की जबरदस्त संपत्ति का सृजन किया है और यह पिछले 17 वर्षों में दर्ज की गई सबसे बड़ी वृद्धि है, जो बाजार की लचीलापन और निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है। मोतीलाल ओसवाल वेल्थ क्रिएशन स्टडी (2020-2025) के अनुसार, इस पांच साल की अवधि में संपत्ति सृजन की गति 38% की प्रभावशाली सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) पर रही, जो बीएसई सेंसेक्स के 21% CAGR से कहीं अधिक है। यह दर्शाता है कि बाजार ने न केवल सूचकांक स्तर पर बल्कि व्यापक स्तर पर भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य का निर्माण किया है।

अभूतपूर्व वापसी और संपत्ति सृजन

कोविड-19 के कारण मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट आई थी, जिसने एक अद्वितीय निवेश अवसर प्रदान किया और इस निचले स्तर से बाजार की शानदार रिकवरी ने गहरी संपत्ति सृजन को बढ़ावा दिया। ₹148 लाख करोड़ की यह विशाल राशि भारतीय अर्थव्यवस्था में। कंपनियों के बढ़ते मुनाफे और मजबूत वित्तीय स्थिति का प्रमाण है। यह वृद्धि दर, जो सेंसेक्स के प्रदर्शन से लगभग दोगुनी है, इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे कई कंपनियों ने संकट को अवसर में बदला और अपने संचालन को मजबूत किया। यह केवल कुछ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं था, बल्कि बाजार के। विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ था, जिससे एक व्यापक आधारित वृद्धि हुई।

बाजार के निचले स्तर से उछाल के कारण

बाजार के इस तेज उछाल के पीछे कई प्रमुख कारक रहे हैं। सबसे पहले, कंपनियों के लाभ मार्जिन में तेजी से सुधार हुआ। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था खुली और मांग बढ़ी, कंपनियों ने अपनी लागत संरचना को अनुकूलित। किया और राजस्व में वृद्धि देखी, जिससे उनके मुनाफे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दूसरा, कंपनियों ने अपनी बैलेंस शीट को सशक्त किया। कई कंपनियों ने अपने कर्ज को कम किया और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया, जिससे वे भविष्य के झटकों का सामना करने और विकास के अवसरों का लाभ उठाने के लिए बेहतर स्थिति में आ गईं और अंत में, कई क्षेत्रों में शेयरों का मूल्यांकन आकर्षक स्तर तक पहुंच गया था, जिससे निवेशकों को कम कीमत पर गुणवत्ता वाले स्टॉक खरीदने का अवसर मिला, और बाद में मूल्यांकन में सुधार के साथ उन्हें बड़ा लाभ हुआ। इन कारकों के संयोजन ने बाजार को एक मजबूत आधार प्रदान किया, जिससे यह अभूतपूर्व संपत्ति सृजन संभव हो सका।

दीर्घकालिक वेल्थ क्रिएटर्स

दीर्घकालिक संपत्ति सृजन के मामले में, यानी वर्ष 2000 से 2025 तक की अवधि में, कुछ कंपनियों ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। भारती एयरटेल इस सूची में शीर्ष पर रही, जिसने ₹7. 9 लाख करोड़ की संपत्ति जोड़ी, जो दूरसंचार क्षेत्र में इसकी अग्रणी स्थिति और लगातार नवाचार को दर्शाता है। इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक ने ₹7. 4 लाख करोड़ का योगदान दिया, जो वित्तीय क्षेत्र में इसकी मजबूत पकड़ और विस्तार का प्रमाण है। ये आंकड़े न केवल इन कंपनियों की व्यक्तिगत सफलता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि कैसे कुछ प्रमुख खिलाड़ी दशकों से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी रणनीतिक दूरदर्शिता और परिचालन दक्षता ने उन्हें लगातार शेयरधारकों के लिए मूल्य बनाने में मदद की है।

संपत्ति सृजन का व्यापक विस्तार

दिलचस्प बात यह है कि 2020-2025 के शीर्ष 10 संपत्ति सृजनकर्ताओं ने कुल संपत्ति सृजन का केवल 31% हिस्सा दिया और यह अब तक का सबसे कम अनुपात है, जो इस बात का एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारतीय शेयर बाजार में संपत्ति का सृजन अब कहीं अधिक व्यापक और विविध हो गया है। पारंपरिक रूप से, बाजार में उछाल कुछ बड़ी कंपनियों तक ही सीमित रहता था, लेकिन कोविड-19 के बाद की रिकवरी एक अधिक व्यापक उछाल लेकर आई और यह दर्शाता है कि छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों ने भी इस अवधि में महत्वपूर्ण संपत्ति का सृजन किया है, जिससे बाजार की गहराई और परिपक्वता बढ़ी है। यह निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरण में निवेश के अधिक अवसर प्रदान करता है।

BSE की सबसे तेज वृद्धि और निवेश का रिटर्न

2020-2025 के दौरान, बीएसई ने कुल रिटर्न के 124% CAGR के साथ सबसे तेज संपत्ति सृजन दर दर्ज की। यह आंकड़ा बाजार की समग्र शक्ति और विभिन्न कंपनियों के प्रभावशाली प्रदर्शन को रेखांकित करता है। स्टडी के अनुसार, यदि किसी निवेशक ने 2020 में शीर्ष 10 संपत्ति सृजनकर्ताओं में ₹1 करोड़ का समान निवेश किया होता, तो 2025 तक यह लगभग ₹2. 4 करोड़ हो जाता, जो 88% की प्रभावशाली CAGR दर्शाता है। यह निफ्टी टोटल रिटर्न इंडेक्स के 24% CAGR की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन है, जो यह बताता है कि सही स्टॉक चयन के साथ निवेशकों ने बाजार से असाधारण रिटर्न अर्जित किया है। यह उन निवेशकों के लिए एक प्रेरणा है जिन्होंने बाजार। के निचले स्तर पर विश्वास बनाए रखा और निवेश किया।

प्रमुख प्रदर्शनकर्ता और स्थिरता

कुछ कंपनियों ने इस अवधि में विशेष रूप से उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। अदानी एंटरप्राइजेज ने एक रिकॉर्ड कायम किया, क्योंकि यह लगातार पांच वर्षों तक शीर्ष 10 सबसे तेज संपत्ति सृजनकर्ताओं की सूची में शामिल रही और यह अदानी समूह की स्थिरता और विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में इसकी मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। इसी तरह, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को इस अध्ययन में सर्वश्रेष्ठ निरंतर संपत्ति सृजनकर्ता के रूप में पहचाना गया। HAL ने पिछले पांच वर्षों में लगातार निफ्टी टोटल रिटर्न इंडेक्स को बेहतर प्रदर्शन किया और 75% की उच्चतम कुल रिटर्न CAGR हासिल की। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता और HAL की मजबूत ऑर्डर बुक और निष्पादन क्षमताओं का परिणाम है। इन कंपनियों का प्रदर्शन बाजार की विविधता और विभिन्न उद्योगों में विकास की संभावनाओं को उजागर करता है।

न्यूनतम संपत्ति विनाश

यह चक्र संपत्ति विनाश के मामले में भी असामान्य रहा। इस अवधि में संपत्ति विनाश मात्र ₹666 अरब तक सीमित रहा, जो कुल सृजित संपत्ति का केवल 0. 4% है और केवल 24 कंपनियों ने निवेशकों की कमाई को कम किया, जो बाजार के निचले स्तर से हुई व्यापक रिकवरी के प्रभाव को दर्शाता है। परंपरागत रूप से, बाजार में उछाल कुछ बड़ी कंपनियों तक ही सीमित रहता था, लेकिन कोविड-19 के बाद की रिकवरी एक अधिक व्यापक उछाल लेकर आई, जो कमाई में व्यापक सुधार, बैलेंस शीट की मरम्मत, और विभिन्न क्षेत्रों में रोटेशन के कारण संभव हुआ और यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और अधिक स्थिर बाजार वातावरण का संकेत है, जहां जोखिम कम रहा और अधिकांश कंपनियों ने मूल्य सृजित किया।

भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

भारतीय शेयर बाजार ने कोविड-19 के बाद एक मजबूत और व्यापक आधारित रिकवरी प्रदर्शित की है, जिसमें रिकॉर्ड संपत्ति सृजन और न्यूनतम संपत्ति विनाश देखा गया है। हालांकि, सवाल अब यह भी है कि क्या यह व्यापक विस्तार स्थायी रहेगा, क्योंकि मार्च 2020 के निचले आधार प्रभाव का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है। बाजार विश्लेषक अब इस बात पर बारीकी से नजर रखेंगे कि क्या कंपनियां अपनी लाभप्रदता और बैलेंस शीट को मजबूत करना जारी रख सकती हैं, और क्या मूल्यांकन वर्तमान स्तरों पर टिकाऊ हैं। भविष्य में, बाजार की वृद्धि कंपनियों की वास्तविक कमाई वृद्धि और आर्थिक। विस्तार पर अधिक निर्भर करेगी, न कि केवल निचले आधार प्रभाव पर।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।