Share Market Crash: शेयर बाजार की इस डुबकी में डूबे निवेशक, 46 दिन में 33 लाख करोड़ बह गए

Share Market Crash - शेयर बाजार की इस डुबकी में डूबे निवेशक, 46 दिन में 33 लाख करोड़ बह गए
| Updated on: 26-Feb-2025 09:34 AM IST

Share Market Crash: महाकुंभ, जिसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है, भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालता है। हाल ही में सैमको सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि पिछले 20 वर्षों में आयोजित छह महाकुंभों के दौरान भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। इस वर्ष भी यह प्रवृत्ति बनी रही, और निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

शेयर बाजार में गिरावट: आंकड़ों की जुबानी

महाकुंभ के दौरान भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। 10 जनवरी 2025 को जब बाजार बंद हुआ, तब सेंसेक्स 77,378.91 अंकों पर था। लेकिन महाकुंभ के समापन से पहले सेंसेक्स गिरकर 74,602.12 अंकों पर आ गया, यानी कुल 2,776.79 अंकों (3.59%) की गिरावट हुई। इसी तरह, निफ्टी भी 10 जनवरी को 23,381.60 अंकों पर था, जो 25 फरवरी को घटकर 22,547.55 अंकों पर आ गया, यानी 3.57% की गिरावट। कुल मिलाकर, इस दौरान निवेशकों को 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा।

इतिहास में दर्ज गिरावटें

यह पहली बार नहीं है जब महाकुंभ के दौरान शेयर बाजार में गिरावट देखी गई हो।

  • 2004: 3.3% गिरावट

  • 2010: 1.2% गिरावट

  • 2013: 1.3% गिरावट

  • 2015: 8.3% गिरावट (अब तक की सबसे बड़ी)

  • 2016: 2.4% गिरावट

  • 2021: 4.2% गिरावट

  • 2025: 3.5% से अधिक गिरावट

इससे स्पष्ट होता है कि महाकुंभ के दौरान शेयर बाजार में लगातार गिरावट की प्रवृत्ति बनी हुई है।

पिछले पांच महीनों की लगातार गिरावट

अगर हम दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखें, तो अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक शेयर बाजार में लगातार गिरावट जारी है:

  • अक्टूबर: 6.22%

  • नवंबर: 0.31%

  • दिसंबर: 2.08%

  • जनवरी: 2.01%

  • फरवरी: 4% से अधिक

25 फरवरी को शेयर बाजार में हल्की तेजी

25 फरवरी को सेंसेक्स में मामूली सुधार देखने को मिला। यह 147.71 अंकों (0.20%) की बढ़त के साथ 74,602.12 अंकों पर बंद हुआ। हालांकि, निफ्टी में गिरावट का सिलसिला जारी रहा और यह 5.80 अंकों (0.03%) की गिरावट के साथ 22,547.55 अंकों पर बंद हुआ।

निष्कर्ष: क्या यह संयोग है या कोई गहरी वजह?

महाकुंभ और शेयर बाजार के बीच के इस संबंध को संयोग कहा जाए या कोई गहरा कारण, यह बहस का विषय है। हालांकि, ऐतिहासिक आंकड़े दर्शाते हैं कि महाकुंभ के दौरान बाजार में मंदी का रुझान रहता है। इसके पीछे आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और वैश्विक कारण हो सकते हैं, जिनका विश्लेषण करना निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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