लखनऊ: कमलेश तिवारी हत्याकांड: कातिल शेख अशफाक को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस हैरान

लखनऊ - कमलेश तिवारी हत्याकांड: कातिल शेख अशफाक को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस हैरान
| Updated on: 24-Oct-2019 07:38 AM IST
लखनऊ | हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के दोनों आरोपियों शेख अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान को गुजरात एटीएस ने मंगलवार को राजस्थान-गुजरात सीमा पर शामलाजी के पास से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दावा किया कि दोनों अभियुक्तों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने कमलेश की नृशंस हत्या की। कमलेश ने कुछ साल पहले जो विवादित बयान दिया था, उसी के चलते उसकी हत्या की। 

वहीं, आरोपियों को लेकर रोजाना कोई न कोई खुलासा हो रहा है। इस बार अशफाक को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि अशफाक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है, तफ्तीश में जुटे अधिकारी भी यह जानकर सकते हैं। आपको बता दें कि कमलेश तिवारी पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर बेरहमी से गला रेतने वाला शेख अशफाक हुसैन एक प्रतिष्ठित कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव था। दूसरा हत्या आरोपी पठान मोईनुद्दीन फूड डिलीवरी का काम करता था। एटीएस अधिकारियों ने बताया कि अशफाक गुजरात के सूरत में लिंबायत स्थित ग्रीन व्यू अपार्टमेंट पद्मावती सोसायटी जबकि पठान मोइनुद्दीन सूरत के ही उमरवाड़ा में एक कॉलोनी का रहने वाला है। अशफाक ने ही कमलेश तिवारी का गला रेता था। चाकू चलाने के दौरान उसका हाथ जख्मी भी हो गया था।

उधर, बरेली के दरगाह आला हजरत में दोनों आरोपियों की मदद करने वाले मुफ्ती कैफी को पूछताछ के लिए लखनऊ लाया गया है। यूपी एटीएस, एसआईटी और लखनऊ पुलिस ने कैफी से लंबी पूछताछ की है। कैफी ने दोनों आरोपियों से मिलने की बात स्वीकार की है, लेकिन उसकी किसी तरह की मदद करने की बात से इंकार किया है। कैफी ने जांच एजेंसियों को बताया कि उन लोगों ने इलाज कराने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन उसने मदद करने से मना कर दिया। हालांकि एटीएस को उसकी बातों पर भरोसा नहीं है। सच्चाई क्या है यह अब गुजरात में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चलेगा।

गुजरात एटीएस की विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने कमलेश तिवारी के 2015 में दिगए गए भड़काऊ भाषण की वजह से वारदात को अंजाम दिया।

यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने हत्या के दोनों मुख्य आरोपियों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उन्होंने जल्द गिरफ्तारी का भी दावा किया था। बता दें कि लखनऊ में 18 अक्तूबर को दोनों आरोपियों ने दिनदहाड़े कमलेश के दफ्तर में ही घुसकर हत्या कर दी थी। 

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