कानपुर नरसंहार: दुर्दांत विकास दुबे के एनकाउंटर की कहानी, UP STF की FIR की ज़ुबानी

कानपुर नरसंहार - दुर्दांत विकास दुबे के एनकाउंटर की कहानी, UP STF की FIR की ज़ुबानी
| Updated on: 15-Jul-2020 09:55 AM IST

कानपुर. चौबेपुर (Chaubeypur) के बिकरू गांव (Bikru Village) में 2/3 जुलाई की रात 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले दुर्दांत गैंगस्‍टर विकास दुबे के एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) की कहानी यूपी एसटीएफ की तरफ से दर्ज एफआईआर में सामने आई है. 10 जुलाई की सुबह उज्जैन से लाते वक्त कानपुर के भौंती में एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है. यह एफआईआर एसटीएफ के सीओ टीबी सिंह ने दर्ज कराई है.


एसटीएफ द्वारा दर्ज एफआईआर में जिक्र है कि उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान सुरक्षा को देखते हुए विकास की गाड़ी को बार-बार बदला जा रहा था, ताकि किसी को यह ना पता चल सके कि विकास किस गाड़ी में बैठा है. बता दें एनकाउंटर से ठीक पहले विकास दुबे सफारी गाड़ी में बैठा था, लेकिन जो गाड़ी पलटी वह महिंद्रा टीयूवी 300 थी. इसके बाद मीडिया से लेकर विपक्षी दलों तक ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे.


मवेशियों के झुंड की वजह से पलटी गाड़ी

एफआईआर के मुताबिक, जिस कार में विकास दुबे बैठा था उसमें इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सिपाही प्रदीप कुमार, दरोगा अनूप सिंह, पंकज सिंह व अन्य सिपाही बैठे थे. बारा टोल प्लाजा क्रॉस करते ही भारी बारिश शुरू हो गई थी. कानपुर की ओर काफिला बढ़ रहा था कि अचानक विकास दुबे वाली जीप के दाएं तरफ से मवेशियों का एक झुंड आ गया, जिसकी वजह से ड्राइवर ने अपनी जीप बाईं तरफ काटी तो जीप डिवाइडर से टकराकर पलट गई. इस दुर्घटना में जीप में बैठे पुलिसकर्मी बेहोश हो गए. इस दौरान विकास दुबे ने इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की सर्विस पिस्टल छीनी और जीप के पीछे वाले दरवाजे से भाग निकला.


विकास ने STF सीओ टीबी सिंह के सीने में गोली मारी

विकास कच्ची सड़क से खेत की तरफ भाग रहा था तो पीछे से आ रही एसटीएफ की जीप से सीओ टीबी सिंह अपनी टीम के साथ उतरे और विकास के पीछे भागे. जिस पर विकास ने फायरिंग शुरू कर दी और एक गोली टीबी सिंह के सीने पर लगी, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के कारण टीबी सिंह को कुछ नहीं हुआ. विकास की फायरिंग में एसटीएफ के सिपाही शिवेंद्र सिंह सिंगर और विमल कुमार को भी एक-एक गोली लगी. विकास की फायरिंग के जवाब में दरोगा विनोद सिंह ने सरकारी पिस्टल से एक, सिपाही विमल कुमार ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से 2, एसटीएफ के कमांडो सर्वेश ने एके-47 से तीन गोलियां चलाईं. इसी जवाबी फायरिंग में विकास दुबे बुरी तरह घायल हुआ और इलाज के दौरान अस्पताल में लाया गया जहां उसकी मौत हो गई

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