श्रीनगर: कड़ी सुरक्षा के बीच बाजार-स्कूल खुले, नमाज की इजाजत मिली; संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू

श्रीनगर - कड़ी सुरक्षा के बीच बाजार-स्कूल खुले, नमाज की इजाजत मिली; संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू
| Updated on: 09-Aug-2019 04:25 PM IST
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के चार दिनों के बाद शुक्रवार को शासन-प्रशासन ने लोगों को थोड़ी राहत मुहैया कराई। कुछ इलाकों में प्रशासन ने स्कूलों को खोलने के आदेश दिए। इसके अलावा सुबह 11 से शाम 5 बजे तक बाजार खोलने के भी निर्देश दिए गए। इसके अलावा शुक्रवार की नमाज के लिए लोगों को राहत दी गई है। उन्हें स्थानीय मस्जिदों में जाने की सहूलियत दी गई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी कश्मीर को परेशानी न हो। 

प्रशासन ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में अभी भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। धारा 144 भी लागू है, लेकिन कुछ स्थानों पर इसमें ढील दी गई है। 

जामा मस्जिद में कोई धार्मिक सभा नहीं होगी

अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर घाटी में लोगों को स्थानीय मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज अदा करने की अनुमति देने के लिए प्रतिबंधों में ढील दी गई है। हालांकि, ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार को कोई धार्मिक सभा नहीं होगी। डोभाल ने शुक्रवार को श्रीनगर का दौरा भी किया और इलाके में दो घंटे से ज्यादा समय बिताया। उन्होंने सैनिकों और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और सीआरपीएफ कर्मियों के साथ लंच भी किया।

श्रीनगर एयरपोर्ट पर येचुरी को रोका गया

माकपा महासचिव शुक्रवार को श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे। लेकिन, सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें हवाई अड्डे पर ही रोक लिया। येचुरी यहां अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात के लिए पहुंचे थे।

गुरुवार को आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोका गया था

इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था। उन्हें वापस दिल्ली लौटा दिया गया था। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक आशंका जताई गई है कि सरकार के विरोध में विपक्ष के नेता राज्य में विरोध प्रदर्शनों के लिए लोगों को उकसा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त से धारा-144 लागू की गई है।

कश्मीर की स्थिति बंदी शिविर के समान: चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को कहा था कि पीएम ने लाल किले से घोषणा की थी कि हम कश्मीरियों को गोलियों से नहीं, बल्कि उन्हें गले लगाकर आगे बढ़ाएंगे, लेकिन आज कश्मीर में स्थिति बंदी शिविर के समान है। घाटी में मोबाइल और इंटरनेट बंद है, अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया।

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