IPO: मीशो के IPO से पहले डेल्हीवरी के शेयरों में भारी गिरावट: वाल्मो का बढ़ता दबदबा बना वजह

IPO - मीशो के IPO से पहले डेल्हीवरी के शेयरों में भारी गिरावट: वाल्मो का बढ़ता दबदबा बना वजह
| Updated on: 02-Dec-2025 05:46 PM IST
आज शेयर बाजार में डेल्हीवरी के शेयरों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जो 1. 72% टूटकर ₹410. 45 पर बंद हुए। इंट्रा-डे ट्रेडिंग के दौरान यह ₹410 और 00 तक गिर गया था। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो का बहुप्रतीक्षित IPO कल, 3 दिसंबर को खुलने वाला है और इन दोनों घटनाओं के बीच एक गहरा संबंध है, जिसे वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की एक हालिया रिपोर्ट ने उजागर किया है।

मीशो की वाल्मो रणनीति का प्रभाव

जेफरीज की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

जेफरीज की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि मीशो तेजी से अपनी इन-हाउस लॉजिस्टिक्स इकाई, वाल्मो (Valmo) पर अपनी निर्भरता बढ़ा रहा है। यह बदलाव डेल्हीवरी जैसी थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो पहले मीशो के लिए बड़ी संख्या में ऑर्डर संभालती थीं और मीशो का अपनी लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को आंतरिक रूप से मजबूत करने का कदम सीधे तौर पर डेल्हीवरी के राजस्व और विकास संभावनाओं को प्रभावित कर रहा है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है और शेयर की कीमत में गिरावट आई है। यह रणनीतिक बदलाव मीशो को अपनी डिलीवरी प्रक्रियाओं पर अधिक नियंत्रण रखने और लागत कम करने में मदद कर रहा है, लेकिन इसका सीधा असर उसके लॉजिस्टिक्स भागीदारों पर पड़ रहा है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने डेल्हीवरी के लिए अपनी 'अंडरफॉर्म' रेटिंग को बरकरार रखा है और ₹390 का टारगेट प्राइस दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली. तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में मीशो ने वाल्मो के माध्यम से लगभग 29. 6 करोड़ ऑर्डर संसाधित किए। इसकी तुलना में, इसी अवधि के दौरान डेल्हीवरी जैसी एंड-टू-एंड एक्सप्रेस पार्सल डिलीवरी कंपनियों द्वारा केवल 18 करोड़ ऑर्डर संभाले गए। यह आंकड़ा पहले के रुझानों से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जब मीशो के अधिकांश ऑर्डर थर्ड-पार्टी डिलीवरी कंपनियों द्वारा भेजे जाते थे और यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मीशो अपने लॉजिस्टिक्स संचालन का एक बड़ा हिस्सा आंतरिक रूप से संभाल रहा है।

डेल्हीवरी के राजस्व पर संभावित असर

जेफरीज का अनुमान है कि मीशो के लगभग 50% शिपमेंट अब वाल्मो द्वारा संभाले जा रहे हैं, और यह थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स की तुलना में काफी कम लागत पर किया जा रहा है। यह डेल्हीवरी के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि वित्त वर्ष 2025। में डेल्हीवरी के कुल राजस्व में मीशो की हिस्सेदारी लगभग 16% थी। मीशो का इनसोर्सिंग की ओर यह झुकाव डेल्हीवरी के एक्सप्रेस पार्सल सेगमेंट की वृद्धि पर भारी पड़ सकता है, जिससे कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। यह स्थिति डेल्हीवरी के निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई। है, क्योंकि उनके राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत अब खतरे में है।

मीशो IPO की खास बातें

सॉफ्टबैंक समर्थित मीशो का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए कल, 3 दिसंबर को खुलेगा। इस IPO के लिए प्राइस बैंड ₹105 से ₹111 प्रति शेयर तय किया गया है। ₹5,421 करोड़ के इस IPO में ₹4,250 करोड़ के नए शेयरों की बिक्री शामिल है, जबकि मौजूदा शेयरधारक ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत 10. 55 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे और यह IPO मीशो के लिए पूंजी जुटाने और अपनी विस्तार योजनाओं को गति देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन इसका असर लॉजिस्टिक्स उद्योग पर भी दिख रहा है।

डेल्हीवरी के शेयर का ऐतिहासिक प्रदर्शन

डेल्हीवरी के शेयरों ने घरेलू बाजार में 24 मई 2022 को ₹487 के भाव पर एंट्री की थी, जब कंपनी ने ₹5,235 करोड़ का IPO जारी किया था। लिस्टिंग के बाद, कंपनी के शेयरों ने उतार-चढ़ाव देखा। 13 मार्च 2025 को डेल्हीवरी का शेयर ₹236. 80 के अपने एक साल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, इस निचले स्तर से कंपनी ने जबरदस्त वापसी की और दस महीनों में 106. 90% का उछाल दर्ज करते हुए 4 नवंबर 2025 को ₹489. 95 के अपने एक साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और इस अवधि में निवेशकों का पैसा दोगुने से भी अधिक हो गया था। हालांकि, मीशो की वाल्मो रणनीति के खुलासे के बाद हालिया। गिरावट ने निवेशकों की भावनाओं को फिर से प्रभावित किया है।

बाजार की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं

डेल्हीवरी के शेयरों में आज की गिरावट मीशो की इन-हाउस लॉजिस्टिक्स। क्षमता के विस्तार के प्रति बाजार की प्रतिक्रिया को दर्शाती है। जैसे-जैसे ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखला पर अधिक नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रही हैं, थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स को अपने व्यापार मॉडल को अनुकूलित करने और नई रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता होगी। डेल्हीवरी के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां उसे मीशो जैसे बड़े ग्राहकों पर अपनी निर्भरता कम करने और अन्य राजस्व धाराओं का पता लगाने की आवश्यकता होगी। बाजार इस बात पर करीब से नजर रखेगा कि डेल्हीवरी इस चुनौती का सामना कैसे करती है और क्या वह अपनी विकास गति को बनाए रखने में सक्षम होती है।

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