MLA Fund Scam: विधायक निधि में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खुलासा: बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों पर लगे आरोप

MLA Fund Scam - विधायक निधि में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खुलासा: बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों पर लगे आरोप
| Updated on: 14-Dec-2025 09:12 AM IST
विधायक निधि में भ्रष्टाचार को लेकर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। एक रिपोर्टर ने डमी फर्म बनाकर विधायकों से संपर्क साधा और विकास कार्यों के लिए कमीशन की मांग का पर्दाफाश किया और यह स्टिंग ऑपरेशन खींवसर, हिंडौन और बयाना के विधायकों पर केंद्रित था, जहां विधायक निधि से होने वाले कार्यों में अनियमितताएं सामने आईं।

विधायक निधि में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

रिपोर्टर ने एक डमी फर्म का प्रतिनिधि बनकर विधायकों से संपर्क साधा। इस डमी फर्म का उद्देश्य यह जानना था कि विधायक निधि से होने वाले विकास कार्यों, विशेषकर स्कूलों से संबंधित कार्यों की लागत कितनी है और क्या वे वास्तव में आवश्यक हैं। इस जांच में सामने आया कि माननीय विधायक ही विकास कार्यों के नाम पर 40% तक कमीशन की मांग कर रहे हैं। विधायक निधि से सालाना 5 करोड़ रुपये मिलते हैं, जिसका उपयोग स्थानीय क्षेत्र के विकास। के लिए किया जाता है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।

खींवसर के बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा पर आरोप

खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा (60 वर्ष) पर 40% कमीशन मांगने का आरोप लगा है। उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि वे 50 लाख रुपये का काम देंगे और अधिकारियों को 'थोड़ा-थोड़ा' कमीशन देने की बात भी कही। डांगा ने 10 लाख रुपये एडवांस लिए और 50 लाख रुपये का लेटर दिया। रिपोर्टर को 50 हजार रुपये टोकन देकर काम शुरू करने को कहा गया। उनके बेटे अशोक डांगा ने भी 50% कमीशन की मांग की और यह भी कहा कि लेटर अभी न दें, क्योंकि उनके पिता मंत्री बन सकते हैं।

हिंडौन की कांग्रेस विधायक अनीता जाटव की भूमिका

हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव (41 वर्ष) पर 50 हजार रुपये लेने और 80 लाख रुपये का लेटर देने का आरोप है। अनीता ने रिपोर्टर से कहा कि उन्होंने पहले भी काम दिया है, लेकिन अफसर अटका देते हैं, इसलिए 'उनको देख लेना'। उन्होंने बजट की कमी का भी जिक्र किया और जयपुर। आवास में एक प्लॉट की डील की बात भी सामने आई। पवन नामक व्यक्ति ने अनीता जाटव के साथ डील में मध्यस्थता की, जिसमें 80 लाख रुपये के काम के लिए 50 हजार रुपये टोकन के तौर पर लिए गए।

बयाना की निर्दलीय विधायक ऋतु और पति पवन की डील

बयाना से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत (41 वर्ष) और उनके। पति पवन पर 40 लाख रुपये की डील का आरोप है। ऋतु ने कहा कि 'बजट नहीं है', लेकिन उनके पति पवन ने डील संभाली। पवन ने 30-35% से 40% तक कमीशन की मांग की और 50 हजार रुपये टोकन के तौर पर लिए। पवन ने रिपोर्टर को आश्वासन दिया कि 'काम हो जाएगा', और कहा कि वह 'मैडम' (ऋतु) से बात करेंगे। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि विधायक निधि के कार्यों में कमीशनखोरी एक सामान्य प्रथा बन गई है।

अधिकारियों को कमीशन का सवाल

इस स्टिंग ऑपरेशन में यह सवाल भी उठा कि विकास कार्यों में अधिकारियों को कितना कमीशन जाता है। बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा ने रिपोर्टर से कहा कि अधिकारियों को 'थोड़ा-थोड़ा' दे देना। यह टिप्पणी इस बात की ओर इशारा करती है कि भ्रष्टाचार केवल विधायकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सरकारी तंत्र के अन्य हिस्से भी शामिल हो सकते हैं। यह दर्शाता है कि विधायक निधि का दुरुपयोग एक संगठित तरीके से हो रहा है।

आगे की कार्रवाई और जनहित का मुद्दा

इस खुलासे के बाद विधायक निधि के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही की सख्त जरूरत है और यह स्टिंग ऑपरेशन जनता के पैसे के दुरुपयोग और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जिससे जनता का विश्वास कम होता है। इन आरोपों की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य। में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और सार्वजनिक धन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।

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