Parliament Session: ऑपरेशन सिंदूर पर संसद का विशेष सत्र नहीं, 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा मानसून सेशन

Parliament Session - ऑपरेशन सिंदूर पर संसद का विशेष सत्र नहीं, 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा मानसून सेशन
| Updated on: 04-Jun-2025 04:25 PM IST

Parliament Session: संसद का मानसून सत्र इस साल 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने इन तारीखों की सिफारिश की है। सत्र की घोषणा उस समय हुई है जब विपक्ष लगातार ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा था।

ऑपरेशन सिंदूर पर नियमों के तहत चर्चा को तैयार सरकार

तीन महीने से अधिक समय के अंतराल के बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 21 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू होगी। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर सहित सभी अहम मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "हर सत्र विशेष होता है, और हम चाहते हैं कि विपक्ष भी चर्चा में भाग ले। हमने विपक्ष से संवाद किया है और उम्मीद है कि सभी दल रचनात्मक सहयोग देंगे।"

हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष की विशेष सत्र बुलाने की मांग पर सरकार ने असहमति जताई है। 16 विपक्षी दलों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था, लेकिन सरकार ने अब मानसून सत्र की घोषणा कर यह साफ कर दिया है कि अलग से कोई विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा।

विपक्ष की मांग और तीखे सवाल

बुधवार को 'इंडिया गठबंधन' के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराई थी। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था, "देश को ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले और राष्ट्रपति ट्रंप की बयानबाजी पर संसद में जवाब चाहिए।" इसी प्रेस वार्ता में संजय राउत ने सरकार से सवाल पूछा कि अगर युद्धविराम ट्रंप के कहने पर हो सकता है, तो विपक्ष के कहने पर विशेष सत्र क्यों नहीं?

पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा होंगे अहम मुद्दे

मानसून सत्र के दौरान पाकिस्तान को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष सरकार से ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर सवाल पूछ सकता है। इसके अलावा सत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोज़गारी और हालिया घटनाक्रमों पर विस्तृत बहस की उम्मीद है।

जस्टिस वर्मा पर महाभियोग की कार्रवाई

सत्र की शुरुआत में ही जस्टिस वर्मा के खिलाफ लंबित महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है। सरकार विपक्षी दलों से इस मुद्दे पर समर्थन की उम्मीद कर रही है, जबकि विपक्ष जस्टिस यादव के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर भी सवाल उठा रहा है। इस संबंध में अंतिम निर्णय राज्यसभा के सभापति द्वारा लिया जाएगा।

बीमा संशोधन बिल भी हो सकता है पेश

इस सत्र में बीमा संशोधन विधेयक को भी पेश किया जा सकता है। इसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को बढ़ाकर 100% करने का प्रावधान होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विधेयक का मसौदा तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद यह बिल संसद में पेश किया जाएगा।

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