एक बच्चे में इस बीमारी के लक्षण: देश में कोरोना से ज्यादा खतरनाक बीमारी आई, सूरत में पहला केस
एक बच्चे में इस बीमारी के लक्षण - देश में कोरोना से ज्यादा खतरनाक बीमारी आई, सूरत में पहला केस
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Updated on: 23-Jul-2020 05:03 PM IST
Surat: अभी तक देश में लोग कोरोना वायरस से परेशान थे, अब देश में कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक बीमारी आ चुकी है। इस बीमारी का पहला केस गुजरात के सूरत में देखने को मिला है। सूरत में एक बच्चे में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं। इस बीमारी का नाम है मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome)। इसे MIS-C भी कहते हैं। पहला मामला सामने आने के बाद सूरत और गुजरात में लोगों की चिंता बढ़ गई है। सूरत में रहने वाले एक परिवार के 10 वर्षीय बच्चे के शरीर में MIS-C यानी मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण देखे गए हैं। हैरानी इस बात की है कि यह बीमारी अभी तक सिर्फ अमेरिका और यूरोपीय देशों में होती थी। ज्यादातर मामले वहीं दिखते थे।परिवार ने अपने बेटे को सूरत के एक अस्पताल में भर्ती किया है। बच्चे को बुखार है। उसे उल्टी, खांसी, दस्त हो रहे हैं। साथ ही उसकी आंखें और होंठ भी लाल हो गए हैं। पहले सूरत के डॉ। आशीष गोटी ने बच्चे को देखा। फिर उन्होंने सूरत और मुंबई के अन्य डॉक्टरों की सलाह ली। जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि बच्चे के शरीर में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण हैं। इस समय इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे इस बच्चे के दिल की पंपिंग 30 फीसदी घट गई थी। उसके शरीर की नसें फूल गई थीं। इस वजह से उसे दिल का दौरा पड़ सकता था। लेकिन सात दिन के इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया। लेकिन डॉक्टरों ने इस बीमारी के देश में फैलने की आशंका जताई है। इस बीमारी की चपेट में 3 साल के बच्चे से लेकर 20 साल तक के किशोर आ सकते हैं। बच्चों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की तरह ही इसे भी जांच में पकड़ना मुश्किल होता है। MIS-C से बचने के लिए एक ही उपाय है कि इसके लक्षणों को ध्यान में रखने की ज़रूरत है। जैसे ही बच्चे को बुखार, उल्टी, दस्त, आंखें और होंठ लाल दिखे तुरंत बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं। इसका इलाज है लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से ये कोरोना से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यह पहला मामला है जब कोरोना के अलावा MIS-C नामक बीमारी सूरत में सामने आई है। ऐसे में अपने बच्चों को ज्यादा सावधान रखने ज़रूरत है क्योंकि यह बीमारी बच्चों को शिकार बनाती है।
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