नीतीश कुमार का भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होना उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ रहा है। पिछले साल, उन्होंने पटना के राजभवन में 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, हालांकि यह उनकी राजनीतिक यात्राओं में एक बार फिर पाला बदलने की प्रक्रिया का हिस्सा था। 2000 में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 'जंगल राज' के खिलाफ अभियान चलाने के बाद नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। उनके करियर का यह कदम बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद हुआ, जिसने 17 साल के गठबंधन के बाद नीतीश को एनडीए से अलग कर दिया था।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना है।@narendramodi
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 16, 2024
नीतीश कुमार की हाल की राजनीति, विशेषकर भाजपा के साथ उनके रिश्तों को लेकर कई प्रतिक्रियाएं आई हैं। उनके बधाई संदेश पर राजद का यह तीखा प्रतिकार दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में आलोचनाओं और विवादों का सिलसिला कभी थमता नहीं है। नीतीश कुमार की तत्परता से बधाई देने और राजद की आलोचना के बीच, यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति की धारा में हलचलें जारी रहेंगी।इतनी सिघ्रता से अलार्म लगाकर बर्थडे विश करने कि तत्परता तो एक प्रेमी युगल भी नहीं करता है।
— Shakti Singh Yadav (@sshaktisinghydv) September 16, 2024
मतलब 11 बजकर 59 मिनट पर ट्वीट लिखकर रख लिए थे , बारह बजे का अलार्म बजा कि पोस्ट पर दिया गया।
काश इतनी तत्परता बिहार में हो रहे हत्या बलात्कार पर भी दिखा पाते।#बेरोजगारी_दिवस पर आप अपनी…