Tejashwi vs Nitish: अब तेजस्वी भिड़ेंगे नीतीश से, मगर बिहार में नहीं....जानें कहां होने जा रही JDU-RJD और LJP में सियासी जंग?

Tejashwi vs Nitish - अब तेजस्वी भिड़ेंगे नीतीश से, मगर बिहार में नहीं....जानें कहां होने जा रही JDU-RJD और LJP में सियासी जंग?
| Updated on: 10-Feb-2023 10:32 AM IST
Tejashwi vs Nitish: नगालैंड की राजनीति में वर्षों से खुद को स्थापित करने की कोशिश से लेकर राज्य के साथ एक ऐतिहासिक संबंध का दावा करने और एक राष्ट्रीय पार्टी बनने की स्थिति पर नजर रखने तक – बिहार के क्षेत्रीय दल 27 फरवरी को होने जा रहे 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कुछ राष्ट्रीय दलों और कई निर्दलीय उम्मीदवार सहित 13 पार्टियों में से नगालैंड चुनाव में बिहार के तीन दल जद (यू), राजद और लोजपा (रामविलास) – शामिल हैं.

जहां जद (यू) 2003 से नगालैंड में चुनाव लड़ रही है – और सीटें जीत रही है, वहीं चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (आरवी) भी अब 19 उम्मीदवारों के साथ राज्य के चुनावी मैदान में उतर गई है. पिछले साल अक्टूबर में, बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार ने जयप्रकाश नारायण की 120वीं जयंती पर नगालैंड का दौरा किया था. इसका मकसद न केवल समाजवादी आइकन की विरासत पर अपना दावा जारी रखना था, बल्कि वे नगालैंड के साथ रिश्तों को भी जाहिर करना चाहते थे.

इंडियन एक्सेप्रस के मुताबिक, 1950 के दशक में राज्य में उथल-पुथल के दौरान जब अंगामी ज़ापू फ़िज़ो के तहत नागा नेशनल काउंसिल ने भारत से स्वतंत्रता की घोषणा की थी, जिसके बाद भारतीय सेना की कार्रवाई हुई थी… उस दौरान जेपी ने नगालैंड क्षेत्र के गांवों में बड़े पैमाने पर यात्रा की थी. बाद में, 1964 में, जब नगालैंड बैपटिस्ट चर्च काउंसिल ने एक शांति मिशन की स्थापना की, जेपी भी भी असम के मुख्यमंत्री बी पी चालिहा और एंग्लिकन पुजारी माइकल स्कॉट के साथ इसके सदस्यों में से एक थे.

जदयू ने 9 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

जद (यू) के पूर्वोत्तर प्रभारी अफाक अहमद खान ने पिछले 20 वर्षों से राज्य में पार्टी की उपस्थिति की ओर इशारा करते हुए इस इतिहास का जिक्र किया. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘जद (यू) ने 2003 में नगालैंड के चुनावों में भी हिस्सा लिया था और तीन सीटों पर जीत हासिल की थी, उनके तीन विधायकों में से एक मंत्री बना था. पार्टी ने 2008 में चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन 2013 में चुनाव लड़ा और एक विधायक चुना गया. पिछले चुनाव (2018) में भी हमें एक विधायक मिला था और हमारा वोट शेयर 4.5% था. इसलिए हम राज्य में चुनाव के लिए नए नहीं हैं और इस बार भी नौ सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.’

चुनाव के बाद गठबंधन के लिए खुले हैं जदयू के विकल्प

राज्य में चुनाव लड़ रहे अधिकांश दलों की तरह, जद (यू) ने घोषणा की है कि वह चुनाव के बाद गठबंधन के लिए खुला है. दिलचस्प बात यह है कि पार्टी ने भाजपा से जुड़ी सरकार में शामिल होने से भी इनकार नहीं किया है, भले ही नीतीश कुमार ने पिछले महीने बिहार में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह ‘एनडीए के साथ फिर से गठबंधन करने के बजाय मरना पसंद करेंगे’. खान ने कहा, ‘हम चुनाव के बाद गठबंधन के लिए खुले हैं और नागा लोगों एवं नागा शांति प्रक्रिया के हित में कोई भी गठबंधन बनाने के लिए राज्य इकाई को स्वायत्तता दी है.

भाजपा से जुड़े गठबंधन में शामिल नहीं होंगे: राजद

हालांकि, बिहार सरकार में जद (यू) की सहयोगी, लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राजद, जो नगालैंड के चुनावों में पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने घोषणा की है कि यदि वह कोई भी सीट जीतती है, तो वह किसी भी ऐसे गठबंधन सरकार में शामिल नहीं होगी जिसमें बीजेपी शामिल है. राजद ने 2018 का चुनाव नहीं लड़ा था, हालांकि उसने 2013 में दो सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. राजद नेता कुमार सर्वजीत ने कहा, ‘हमने 2008 में भी चुनाव लड़ा था, जहां हमें 6.7% वोट मिले थे.’

नगालैंड चुनाव में पहली बार लोजपा (राम विलास)

नगालैंड चुनाव में पहली बार शामिल हो रहे लोजपा (आरवी) ने सत्तारूढ़ एनडीपीपी के उन पांच मौजूदा विधायकों को अपने साथ जोड़ा है जिन्हें उनकी पार्टी से टिकट नहीं दिया गया. वे अब लोजपा (आरवी) के 19 उम्मीदवारों में शामिल हैं. लोजपा (आरवी) के प्रवक्ता विनीत सिंह नगालैंड में पार्टी के चुनावी अभियान को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की उसकी कोशिश से जोड़ते हैं. उन्होंने सरकार का हिस्सा बनने के लिए अपनी पार्टी की मंशा पर कहा, ‘पिछले 2.5 वर्षों में, हमारी पार्टी की नगालैंड इकाई बहुत सक्रिय रही है. हम पूरे भारत में अपनी उपस्थिति चाहते हैं और इसलिए हम एक राष्ट्रीय पार्टी का रुतबा हासिल करने की तलाश कर रहे हैं. हम ऐसे किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, जहां भाजपा चुनाव लड़ रही है. दूसरा कारण नीतीश कुमार के काम करने के तरीके का मुकाबला करना है. जद (यू) और राजद जहां भी मौजूद हैं, हम उनके लिए रुकावट बनेंगे.’

राजद ने भाजपा पर लगाए आरोप

सर्वजीत ने एलजेपी पर उन सीटों पर ‘बीजेपी की प्रॉक्सी’ के रूप में चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है, जहां वह राज्य में वरिष्ठ सहयोगी एनडीपीपी के साथ अपने 20:40 सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के तहत चुनाव नहीं लड़ रही है. राजद नेता ने आरोप लगाया, ‘एलजेपी (आरवी) के माध्यम से भाजपा एनडीपीपी के खिलाफ उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ रही है. जिन लोगों को बीजेपी का टिकट नहीं मिला, वे उन निर्वाचन क्षेत्रों में एलजेपी के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जहां एनडीपीपी चुनाव लड़ रही है. भाजपा नहीं चाहती कि कोई भी क्षेत्रीय दल किसी भी राज्य में शक्तिशाली हो.’

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।