पाकिस्तान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमला किया, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 3 क्लब क्रिकेट खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिसकी पुष्टि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने की है और इस हमले में सात आम नागरिक घायल भी हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ गए हैं।
टी-20 सीरीज से अफगानिस्तान का नाम वापस
इस घटना के जवाब में, ACB ने नवंबर में पाकिस्तान में होने वाली ट्राई टी-20 सीरीज से हटने का ऐलान किया है और aCB ने कहा कि यह कदम मारे गए क्रिकेटरों के सम्मान में उठाया गया है। इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका की टीमें हिस्सा लेने वाली थीं। अफगान मीडिया टोलो न्यूज के अनुसार, इन हमलों में अर्गुन और बर्मल जिलों के कई घरों को निशाना बनाया गया, जो डूरंड लाइन के पास स्थित हैं और दोनों देशों के बीच 8 अक्टूबर को शुरू हुए संघर्ष के बाद 15 अक्टूबर को 48 घंटे के लिए सीजफायर पर सहमति बनी थी, जिसे बाद में आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी थी।
क्रिकेट मैच खेलकर लौट रहे खिलाड़ियों पर हमला
ACB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी कर बताया कि यह हमला पक्तिका प्रांत की राजधानी शराना में एक फ्रेंडली क्रिकेट मैच खेलकर लौट रहे कबीर, सिब्घतुल्लाह और हारून नामक खिलाड़ियों पर हुआ। हमले वाले दिन कबीर अपने गांव के टूर्नामेंट में मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान राशिद खान और खिलाड़ी गुलबदीन नायब ने इस हमले को अनैतिक और बर्बर बताते हुए कड़ी निंदा की है।
बढ़ता तनाव और आरोप-प्रत्यारोप
UN के मुताबिक, पाकिस्तानी हमलों में इस हफ्ते अफगानिस्तान के 6 प्रांतों में 37 नागरिक मारे गए और 425 घायल हुए। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर नागरिक इलाकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि उसने आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि तालिबान के फैसले दिल्ली से हो रहे हैं, और उन्होंने अफगानिस्तान पर भारत के लिए प्रॉक्सी वॉर लड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने सैन्य कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
डूरंड लाइन विवाद की जड़
दोनों देशों के बीच विवाद की जड़ डूरंड लाइन है, जो ब्रिटिश काल में खींची गई थी और यह दोनों देशों की पारंपरिक जमीन को बांटती है और दोनों तरफ के पठान इसे स्वीकार नहीं करते। 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।