मनी: भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में आई बड़ी गिरावट, पेट्रोल 2 रुपये 69 पैसे हुआ सस्ता

मनी - भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में आई बड़ी गिरावट, पेट्रोल 2 रुपये 69 पैसे हुआ सस्ता
| Updated on: 11-Mar-2020 10:48 AM IST
नई दिल्ली।अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई बेतहाशा गिरावट का फायदा अब आम भारतीयों को भी मिलने लगा है। भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम (Today Petrol Diesel Price) में आज बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को पेट्रोल का दाम 2 रुपये 69 पैसे गिरकर जहां 70.20 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया, वहीं डीजल के दाम 2.33 रुपये गिरकर 63.01 रुपये पर पहुंच गया। बता दें सऊदी अरब और रूस के बीच ऑयल प्राइस वार (Oil Price War) छिड़ने से सोमवार को कच्चा तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में 31 प्रतिशत तक टूट गई थी। इससे भारत को वित्तीय लाभ हो सकता है, क्योंकि हमारा देश पेट्रोलियम ईंधन के लिए काफी हद तक आयात पर ही निर्भर करता है।

भारत अपनी जरूरत का 84 प्रतिशत से अधिक तेल आयात करता है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी से देश के आयात बिल में कमी आएगी और इससे खुदरा कीमतें भी कम होंगी। हालांकि इससे पहले से दबाव में चल रही ओएनजीसी जैसी कंपनी की हालत और खराब होगी।

आयात बिल पर 2,729 करोड़ रुपये का अंतर

विभिन्न क्षेत्रों के लिए लागत कम होने से देश की अर्थव्यवस्था को थोड़ा संबल मिलेगा। इससे कई क्षेत्रों के लिये कच्चे माल की लागत कम होगी। बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा जारी कीमत अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत सोमवार को 70।20 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है।

कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर की कमी से भारत का आयात बिल 2,936 करोड़ रुपये कम होता है। इसी तरह डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में एक रुपये प्रति डॉलर का बदलाव आने से भारत के आयात बिल पर 2,729 करोड़ रुपये का अंतर पड़ता है।

आयात बिल पर 2,729 करोड़ रुपये का अंतर

विभिन्न क्षेत्रों के लिए लागत कम होने से देश की अर्थव्यवस्था को थोड़ा संबल मिलेगा। इससे कई क्षेत्रों के लिये कच्चे माल की लागत कम होगी। बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा जारी कीमत अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत सोमवार को 70।20 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है।

कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर की कमी से भारत का आयात बिल 2,936 करोड़ रुपये कम होता है। इसी तरह डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में एक रुपये प्रति डॉलर का बदलाव आने से भारत के आयात बिल पर 2,729 करोड़ रुपये का अंतर पड़ता है।


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