Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता में महिला डॉक्टर से अपराध में सीबीआई ने 7 आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया

Kolkata Rape-Murder Case - कोलकाता में महिला डॉक्टर से अपराध में सीबीआई ने 7 आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया
| Updated on: 24-Aug-2024 12:59 PM IST
Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध ने पूरे देश को हिला दिया है। इस मामले की जांच में अब सीबीआई ने तेजी ला दी है और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में, सीबीआई ने इस केस में शामिल सात आरोपियों के खिलाफ पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू कर दिया है। इनमें मुख्य आरोपी संजय रॉय और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, साथ ही चार जूनियर डॉक्टर और संजय रॉय का करीबी एक सिविक वालंटियर शामिल हैं।

सात आरोपियों के नाम:

सीबीआई द्वारा पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए जिन सात लोगों को चुना गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:

  • संदीप घोष - पूर्व प्रिंसिपल
  • सौमित्र - इंटर्न डॉक्टर
  • अर्का - इंटर्न डॉक्टर
  • सुवादीप - इंटर्न डॉक्टर
  • गुलाम - हाउस स्टाफ डॉक्टर
  • सौरव - सिविक वालंटियर
  • संजय रॉय - मुख्य आरोपी
इन सातों लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट सीबीआई के कोलकाता दफ्तर में शुरू हो चुका है। विशेष रूप से संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट जेल में किया जा रहा है। इस परीक्षण की मदद से जांच अधिकारियों को यह समझने में मदद मिल सकती है कि आरोपी किस हद तक सच बोल रहे हैं।

सीसीटीवी फुटेज का खुलासा:

इस मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी हाल ही में सामने आई है। 9 अगस्त की देर रात का एक सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किया गया है, जिसमें मुख्य आरोपी संजय रॉय को अस्पताल के सेमिनार हॉल की दिशा में जाते हुए देखा जा सकता है। इस फुटेज में संजय रॉय जींस और टी-शर्ट पहने हुए नजर आ रहे हैं और उसके गले में एक ब्लूटूथ लगा हुआ है।

रात 3 से 4 बजे के बीच की इस फुटेज में, संजय रॉय के गले में लटके ब्लूटूथ की छवि साफ दिखाई देती है। हालांकि, जब संजय बाहर निकलता है, तो ब्लूटूथ का कोई संकेत नहीं मिलता। यह ब्लूटूथ वही है जिसे पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया था और इसके आधार पर ही संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया।

जांच की दिशा:

सीबीआई की जांच इस बिंदु पर भी केंद्रित है कि कैसे और क्यों संजय रॉय और अन्य आरोपियों ने इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया। पॉलीग्राफ टेस्ट और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, सीबीआई मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस केस में संलिप्त सभी लोगों की भूमिका की स्पष्टता से न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

आशा है कि सीबीआई की इस तेज और निर्णायक जांच के माध्यम से महिला ट्रेनी डॉक्टर को न्याय मिलेगा और समाज को इस प्रकार के जघन्य अपराधों के खिलाफ एक मजबूत संदेश मिलेगा।

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