Himachal Pradesh Politics: प्रियंका गांधी ने हिमाचल में खुद संभाली कमान, ऐसे बचा ली सुक्खू सरकार

Himachal Pradesh Politics - प्रियंका गांधी ने हिमाचल में खुद संभाली कमान, ऐसे बचा ली सुक्खू सरकार
| Updated on: 01-Mar-2024 09:30 AM IST
Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने गहराए सियासी संकट को टालने में महासचिव प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई. सुक्खू सरकार बचाने के लिए प्रियंका गांधी ने खुद कमान सभाली और वीरभद्र परिवार से सीधे बातचीत की. प्रियंका लगातार पर्यवेक्षकों के संपर्क में भी रहीं और ये तय किया किसी भी तरह सरकार पर संकट नहीं आना चाहिए.

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार का संकट फिलहाल टलता नजर आ रहा है. राज्यसभा चुनाव में 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद सरकार और संगठन के बीच अंर्तकलह सामने आई थी. विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे के बाद ये तय माना जा रहा था कि अब सुक्खू सरकार नहीं रहेगी, हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने सक्रियता दिखाई और हर संभव प्रयास कर सरकार पर आया संकट टाल दिया.

किसी भी कीमत पर सरकार बचाने की कोशिश

हिमाचल कांग्रेस पर आए संकट के बाद कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हुआ. हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सक्रिय हो गए. तय हुआ कि किसी भी कीमत पर सरकार को बचाया जाएगा. आलाकमान ने ये भी तय कर लिया कि यदि सरकार बचाने के लिए सीएम को बदलना पड़े तो बदल दिया जाए. मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी से बातचीत कर इस पर मुहर भी लगा दी.इसी बीच प्रियंका गांधी सक्रिय हुईं और खरगे से बातचीत की और इस बात की कमान संभाली कि बागी विधायकों की टोली किसी भी तरह वीरभद्र परिवार से न जुड़ने पाए.

वीरभद्र परिवार से की बात

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी ने विक्रमादित्य और प्रतिभा सिंह से फोन पर बातचीत की और पुराने रिश्तों का हवाला देते हुए समझाया कि आप मुख्यमंत्री से नाराज हैं, तो अपनी लड़ाई लड़िए, अपनी बात कहिए. आप की बात को सुना जाएगा. समस्या को सुलझाया जाएगा. बस, पार्टी से बाहर जाने की या सरकार गिराने की न सोचें, क्योंकि विक्रमादित्य हिमाचल में कांग्रेस का भविष्य हैं. प्रियंका ने संतुष्ट होने के बाद खरगे को ब्रीफ किया और खरगे ने डीके शिवकुमार समेत पर्यवेक्षकों को इस बावत निर्देश दिए. इस बीच प्रियंका लगातार प्रभारी राजीव शुक्ल से लगातार सम्पर्क में रहकर हालात की जानकारी लेती रहीं और जरूरत पड़ने पर निर्देशित करती रहीं.

सुक्खू को हटाने पर अड़ा था वीरभद्र परिवार

वीरभद्र परिवार सुक्खु को सीएम पद से हटाने पर अड़ा था. ऐसे में प्रियंका ने उनको समझाया कि फौरन सीएम बदलने से अच्छा सन्देश नहीं जाएगा. कांग्रेस बैकफुट पर दिखेगी. इसलिए फिलहाल विक्रमादित्य को फ्री हैंड और सरकार-संगठन के बीच समन्वय समिति का गठन कर दिया जाएगा. सुक्खू साथ लेकर जरूर चलेंगे. प्रियंका ने भरोसा दिया कि फिलहाल सुक्खू को सीएम रहने दें. पार्टी की छवि के लिए जरूरी है. भरोसा ये भी दिया कि अगले कुछ दिन में परिस्थितियों में बदलाव भी दिखेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो भविष्य में सीएम बदलने में हमको गुरेज नहीं है.

वीरभद्र परिवार की बारगेनिंग पावर घटी

राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग के साथ बजट में विधायकों के साथ न देने के आधार पर 6 विधायकों की सदस्यता स्पीकर ने रद्द कर दी. दरअसल, राज्यसभा वोटिंग में व्हिप जारी नहीं होता, इसलिए उस आधार पर ही सदस्यता रद्द करना अदालत में शायद टिक नहीं पाता, लेकिन इस दांव से वीरभद्र परिवार की बारगेनिंग पावर घट गई थी.

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