Waqf Amendment Bill: आज वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन, कांग्रेस सहित कई दल होंगे शामिल

Waqf Amendment Bill - आज वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन, कांग्रेस सहित कई दल होंगे शामिल
| Updated on: 17-Mar-2025 10:20 AM IST

Waqf Amendment Bill: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है, और इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दल इस विधेयक को लेकर सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं। इसी बीच, आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने जंतर मंतर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन

AIMPLB द्वारा आयोजित यह प्रदर्शन सुबह 10 बजे शुरू होगा। इस धरने में कई प्रमुख विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे, जिनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी (SP), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), अकाली दल, शिवसेना और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) शामिल हैं। यह विरोध प्रदर्शन इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक षड्यंत्र करार देते हुए किया जा रहा है।

बजट सत्र का दूसरा चरण और वक्फ विधेयक

बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हो चुका है और 4 अप्रैल तक चलेगा। संसद की कार्यवाही आज सुबह 11 बजे से शुरू होगी, जिसमें रेलवे ग्रांट सहित कई रिपोर्टों पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस गरमाने की पूरी संभावना है।

सरकार इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई मुद्दों का समाधान करेगा। लोकसभा में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा विपक्ष के विरोध के बावजूद यह विधेयक पेश किया गया था, जिससे सरकार इसे प्राथमिकता के आधार पर पारित कराने की कोशिश में जुटी है।

विपक्ष का विरोध और AIMPLB की आपत्तियां

विपक्षी दलों का आरोप है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को हड़पने का एक सुनियोजित प्रयास है। AIMPLB ने इसे अवकाफ की संपत्तियों को हथियाने की साजिश बताया है और इस विधेयक को पूरी तरह खारिज करने की मांग की है।

AIMPLB ने भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में इस प्रदर्शन में शामिल हों और इस विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। बोर्ड के प्रवक्ता इलियास ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि संसद की संयुक्त समिति उनके सुझावों पर विचार करेगी, लेकिन न तो उनकी राय को महत्व दिया गया और न ही विपक्षी दलों के संशोधनों को विधेयक में शामिल किया गया।

क्या होगा आगे?

सरकार जहां इस विधेयक को पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध इसे रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। ऐसे में, संसद और सड़कों पर इस मुद्दे को लेकर आने वाले दिनों में और अधिक राजनीतिक उठापटक देखने को मिल सकती है।

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