Putin Turkmenistan Visit: दिल्ली से लौटने के बाद पुतिन की तुर्केमिनिस्तान यात्रा: तुर्की और पाकिस्तान के नेताओं से मुलाकात का एजेंडा
Putin Turkmenistan Visit - दिल्ली से लौटने के बाद पुतिन की तुर्केमिनिस्तान यात्रा: तुर्की और पाकिस्तान के नेताओं से मुलाकात का एजेंडा
भारत दौरे के आठ दिन बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तुर्केमिनिस्तान के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मध्य एशियाई देश तुर्केमिनिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करना और एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय आयोजन में भाग लेना है। पुतिन की यह यात्रा पिछले 15 दिनों में उनका तीसरा बड़ा दौरा है, जो उनकी सक्रिय कूटनीति को दर्शाता है। इससे पहले वे भारत और किर्जिस्तान का दौरा कर चुके हैं।
तुर्केमिनिस्तान में पुतिन का महत्वपूर्ण दौरा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तुर्केमिनिस्तान में 'शांति और विश्वास: एक स्थायी भविष्य के। लिए लक्ष्यों की एकता' नामक एक आयोजन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। तुर्केमिनिस्तान, जिसे रूस का करीबी माना जाता है और जो खुद को एक तटस्थ देश कहता है, इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है और पुतिन इस दौरे के दौरान तुर्केमिनिस्तान के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जिनमें डिजिटल विकास, विज्ञान और शिक्षा में सहयोग शामिल है। रूस और तुर्केमिनिस्तान के बीच वर्तमान वार्षिक व्यापार 1. 6 अरब डॉलर से अधिक है, और रूस इसे बढ़ाकर 2. 5 अरब डॉलर करने का लक्ष्य बना रहा है। यह आर्थिक सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।तुर्की और पाकिस्तान के नेताओं से मुलाकात
इस दौरे के दौरान पुतिन की मुलाकात तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन से भी प्रस्तावित है, जिसकी पुष्टि क्रेमलिन ने की है। तुर्की मीडिया के अनुसार, एर्दोआन अश्गाबात में पुतिन से मिलेंगे और कूटनीतिक दुनिया में तुर्की को भारत का दुश्मन देश माना जाता है और उसने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया था। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी तुर्केमिनिस्तान पहुंचने की खबर है, जिससे पुतिन और शहबाज के। बीच मुलाकात की संभावना बढ़ गई है, हालांकि दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय मुलाकात आधिकारिक तौर पर प्रस्तावित नहीं है।यूक्रेन और काला सागर पर चर्चा
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ पुतिन की बातचीत का मुख्य एजेंडा यूक्रेन युद्ध और कैस्पियन तथा काला सागर की स्थिति हो सकता है। इन दोनों ही क्षेत्रों में वर्तमान में स्थिति ठीक नहीं है, और रूस के जहाजों पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह मुलाकात इन महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दों पर रूस और तुर्की के बीच समन्वय और संभावित समाधानों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी। दोनों नेता क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले इन संवेदनशील विषयों पर अपने दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं।क्षेत्रीय कूटनीति और अन्य मुलाकातें
पुतिन का यह दौरा मध्य एशिया में रूस के प्रभाव को बनाए रखने और बढ़ाने की एक बड़ी कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। तुर्केमिनिस्तान में रहते हुए, पुतिन ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से भी मिल सकते हैं। ये मुलाकातें दर्शाती हैं कि रूस विभिन्न क्षेत्रीय शक्तियों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य में अपनी स्थिति को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहा है। यह यात्रा रूस की विदेश नीति में मध्य एशिया और उसके पड़ोसी देशों के महत्व को। रेखांकित करती है, जहां वह आर्थिक और रणनीतिक हितों को साधने का प्रयास कर रहा है।
इन मुलाकातों और समझौतों के माध्यम से, पुतिन न केवल रूस के आर्थिक हितों को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा कर रहे हैं। यह दौरा रूस की बहुआयामी विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विभिन्न देशों के साथ संबंधों को संतुलित करने और अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित है।